भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चार्जिंग नेटवर्क तेजी से विकसित हो रहा है। सरकार ने शुक्रवार को बताया कि देश में अब तक 25,202 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटका में 5,765, महाराष्ट्र में 3,728 और उत्तर प्रदेश में 1,989 ईवी चार्जिंग स्टेशन हैं।
वहीं, छत्तीसगढ़ में 271 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। यह पहल सरकार की पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति योजना के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना है। इस योजना के तहत दो वर्षों में 10,900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए रखे गए हैं।
इसके अलावा, 17 सितंबर को विद्युत मंत्रालय ने “इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना और संचालन के लिए दिशानिर्देश-2024” जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों में कनेक्टेड और इंटरऑपरेबल चार्जिंग नेटवर्क के मानक और प्रोटोकॉल पर चर्चा की गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में तेजी के कारण, देश में ईवी चार्जिंग बाजार 2030 तक 3.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। बैटरी स्वैपिंग, खासकर दोपहिया और तीन-पहिया वाहनों के लिए, एक प्रमुख समाधान के रूप में उभर रहा है। कई प्रमुख ऑटो कंपनियां इस तकनीक में निवेश कर रही हैं, जिससे ईवी को अधिक किफायती और सुलभ बनाया जा सके।