रोहतक। PGI रोहतक की इमरजेंसी में आने वाले हर एक मरीज का इलाज एक ही स्थान पर किया जायेगा। पीजीआई प्रशासन ने डॉक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इमरजेंसी में आने वाले हर मरीज का इलाज किया जाएगा। उसे दूसरे विभाग का बता कर टरकाया नहीं जायेगा। न ही किसी मरीज को प्राइवेट अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर किया जायेगा। सभी इलाज एक ही स्थान पर किये जायेंगे ताकि मरीजों को परेशान न होना पड़े। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी मरीज के साथ लापरवाही की गई तो उस पर कार्रवाई होगी।
वहीँ पीजीआई में घूमने वाले प्राइवेट अस्पतालों के एजेंटों पर अब सख्ती होगी। क्योंकि इमरजेंसी में इलाज न मिलने पर ही इसका लाभ प्राइवेट अस्पतालों के एजेंट उठाते हैं। पीजीआई में प्राइवेट अस्पतालों के एजेंट सक्रिय होने का पता चला था जिसके बाद पीजीआई प्रशासन सतर्क हुआ तो फिर अधिकारीयों की बैठकों का दौर चला। इसमें पाया गया कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को देखने वाले डॉक्टर इसे दूसरे विभाग का बताकर टरका देते हैं। वहीं एक यूनिट के डॉक्टर की शिफ्ट खत्म होने पर भी यह स्थिति बनती है। ऐेसे में मरीज के पास प्राइवेट अस्पताल में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।
जारी आदेश में कहा गया है कि इमरजेंसी में आने पर मरीज को न तो रेफर किया जाएगा और न ही दूसरे विभाग का बताकर उसके वहां भेजा जाएगा। उसे एक ही स्थान पर इलाज मिलेगा। अगर किसी भी डॉक्टर ने ऐसा किया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर जरूरत हो तो संबंधित डॉक्टर को मौके पर बुलाकर मरीज को तत्काल इलाज दिया जाए। क्योंकि जब भी इलाज में लापरवाही होती है। तो इसका फायदा एजेंट उठाते हैं।
पीजीआईएमएस निदेशक डॉ. शमशेर सिंह लोहचब ने कहा कि इमरजेंसी में इलाज को लेकर कुछ सख्त नियम बनाए गए हैं। जिसका डॉक्टरों को पालन करना होगा। अगर शिकायत आती है तो डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।