रोहतक। रोहतक में नाबालिग किशोरी को गांव के ही दो युवक एक साल तक अपनी हवस का शिकार बनाते रहे। हैरानी की बात तो यह थी कि दोनों दोषियों में से एक नाबालिग था। किशोरी को इतना डराया धमकाया जाता रहा कि वह डर के मारे किसी को कुछ नहीं बता सकी। मामला दर्ज हुआ और जाँच में दोनों आरोपी पाए गए।
केस एएसजे नरेश कुमार की अदालत में पहुंचा। कल शाम को तीन साल बाद नाबालिग को न्याय मिला और न्यायधीश ने दोषियों को 20 साल कैद व छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि इसी केस में आईटी एक्ट के तहत नाबालिग को तीन साल की सजा दी गई। दोनों दोषी पीड़िता के गांव के ही रहने वाले हैं।
पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक अगस्त 2020 में एक महिला ने सदर थाने में शिकायत दी कि उसकी 16 साल की बेटी कई दिन से परेशान लग रही थी। उसने परेशानी का कारण पूछा तो बेटी ने बताया कि गांव का युवक उसके साथ एक साल से दुष्कर्म कर रहा है। कहता है कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा। उसकी बेटी ने डर के मारे यह बात किसी को नहीं बताई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की। जांच के बाद आरोपी व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी।
बुधवार को एएसजे नरेश कुमार की अदालत ने मुख्य दोषी को आईपीसी की धारा 452 के तहत 3 साल की कैद व एक हजार रुपये जुर्माना, 376 (2)(एन) के तहत 20 साल की कैद व दो हजार रुपये जुर्माना, 6 पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की कैद व दो हजार रुपये जुर्माना, 506 के तहत तीन साल की कैद व आइटी एक्ट की धारा 67बी के तहत तीन साल की कैद व एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जबकि दूसरे आरोपी को आईटी एक्ट के तहत तीन साल की कैद की सजा दी गई, जो वारदात के समय नाबालिग था।