चण्डीगढ। श्रम विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव राजीव रंजन की अध्यक्षता में गुरुग्राम में राज्य स्तर के गिग वर्कर्स को विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए एक परामर्श बैठक आयोजित की गई।इस परामर्श में हरियाणा के अदंर कार्यरत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म एग्रीगेटर्स के प्रतिनिधियों के सामने श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को प्रस्ततु करने पर बल दिया गया। इसके अलावा विभाग की वेबसाइट पर एग्रीगेटर्स के लिए और ई-श्रम प्लेटफ़ॉर्म पर गिग वर्कर्स के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पर गिग वर्कर्स से चर्चा की गई जो सामान्यत पारंपरिक तरीके से नौकरी नहीं करते है।
उन्होंने बताया कि यह गिग वर्कर ज्यादातर पार्ट-टाइम काम करने वाले होते हैं या कई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स से जुड़े होते हैं। उन्हें अब विभाग द्वारा चलाई जा रही नई पहल का मुख्य हिस्सा बना रहे हैं। इस तरह के कर्मचारी जोमेटो, स्विगी, अमेज़न के डिलीवरी बॉय, ओला, उबर और इंड्राइव जैसी कंपनियों के ड्राइवर्स बन कर विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं प्रदान करते हैं और डिजिटल अर्थर्व्थयवस्था में महत्वपर्णूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधान सचिव ने कहा कि इन क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, श्रम विभाग ने अपनी वेबसाइट पर एक पंजीकरण मॉड्यूल विकसित किया है। इस कदम से कर्मचारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आसानी से पंजीकृत हो सकेंगे और उन्हें श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल ही के बजट सत्र में गिग वर्कर्स को लाभान्वित करने के लिए एक योजना की घोषणा की, जिसमें 5000 रुपये की सब्सिडी, ई-स्कूटर्स पर बिना ब्याज का ऋण शामिल हैं। इन उपायों से गिग वर्कर्स को बड़ी राहत और समर्थन प्राप्त होने की उम्मीद है, जिससे उनके काम की स्थितियों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। श्रम विभाग की वेबसाइट पर निःशुल्क पंजीकरण के बाद प्रत्येक पंजीकृत एग्रीगेटर्स को एक लॉगिन आईडी मिलेगी। इस कदम से डेटा रखने, साझा करने, और एग्रीगेटर्स के पंजीकरण को सुचारू बनाने में आसानी होगी। इन उपायों से गिग श्रमिकों को राहत और सहायता मिलने व उनकी कामकाजी परिस्थितियों और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होने की भी उम्मीद है।
उन्होंने श्रम विभाग में कार्यरत सभी एग्रीगेटर से शीघ्र पंजीकृत करवाने की अपील की है ताकि उनके गिग वर्कर्स विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह पहल गिग इकॉनोमी और उसके कर्मचर्मारियों को पहचानने और सहयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वे हमारी तेजी से विकसित हो रही डिजिटल दुनिया में पीछे न रह जाएं।
बैठक में ओला, उबर, टाटा 1 एमजी, जोमेटो, स्विगी, ब्लू स्मार्ट आदि जैसे एग्रीगेटर्स ने परामर्श बैठक में भाग लिया, जो इस पहल के महत्व को दर्शाता है। श्रम आयुक्त, मनीराम शर्मा, संयुक्त श्रम आयुक्त परमजीत सिंह ढुल भी चर्चा के दौरान बैठक में उपस्थित थे।