मध्य प्रदेश: भोपाल में मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कई अहम फैसले लिए। मोहन सरकार ने युवाओं को रोजगार देने और किसानों की आय दोगुनी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों के निर्णयों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा कैसे रोजगार देने वाला बने? इसकी शुरुआत 12 जनवरी से स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन के जरिए होगी। युवाओं और किसानों को मजबूत करने का काम मिशन मोड पर होगा। सभी मंत्री अपने विभाग में युवाओं को जोड़कर रोजगार देने का काम भी करेंगे।
इन फैसलों पर लगी मुहर
यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर न्यायालय ने जो समय दिया है उसमे जनप्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। उस कचरे को लेकर छोटे छोटे संगठन से बात करेंगे। सभी को प्रजेंटेशन देंगे जिससे जो गलत फहमियां है उसको खत्म करेंगे।
कैबिनेट ने 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जयंती से ‘स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन’ शुरू करने का फैसला किया है। इसमें तीन विभाग की भागीदारी रहेगी। इसका मकसद युवाओं का सर्वांगीण विकास होगा। इस मिशन के माध्यम से युवाओं को शिक्षा, कौशल और रोजगार के क्षेत्र में जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
मूल रूप से तकनीकी शिक्षा कौशल विभाग इसे हेड करेंगे। अंतर्गत दिव्यांग, किसान परिवार, युवतियां और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े युवाओं पर फोकस रहेगा।
किसानों की आय को दोगुनी करने को लेकर, मछली उत्पादन और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काम किया जाएगा। दूध की पैकिंग से लेकर दूध की चिलिंग तक की प्रक्रिया के लिए काम करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक में मंत्रियों से कहा कि अगले 5 साल में 16वें वित्त आयोग से अधिक से अधिक सालाना फंड मांगने के प्रस्ताव विभागवार तैयार कराएं। ताकि राज्य सरकार केंद्र से अधिक से अधिक फंड ले सके।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अब सभी समुदाय चाहे वो एससी-एसटी है या नहीं, सभी युवाओं को जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है उनको कोचिंग की सुविधा दी जाएगी। युवाओं से संवाद करने और क्षमता बढ़ाने का काम होगा।
मध्यप्रदेश स्टेट कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच अनुबंध होगा। इसमें प्रोफेशनल लोगों को जोड़ा जाएगा। इसमें दूध के उत्पादन के लिए साथ-साथ उसकी पैकेजिंग के लिए मार्केटिंग को भी शामिल किया गया है। सांची ब्रांड को पूरे देश में पहचान बनाने के लिए काम किया जाएगा। ये किसान की आमदनी बढ़ाने का एक बहुत बड़ा जरिया हो।
हर गांव में दुग्ध सहकारी समिति बनाने का काम किया जाएगा। दूध का उत्पादन बढ़ाने का काम ‘समेकित व्यवस्था’ से किया जाएगा। 5 साल में 1500 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करेंगे। समितियों की संख्या 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार तक किया जाएगा।
अभी दूध संकलन 10 लाख लीटर होता है। जिसे 20 लाख लीटर किया जाएगा। वार्षिक आय को 1700 करोड़ से बढ़ाकर 3500 करोड़ तक करने का लक्ष्य दिया है।
मैहर, पांढुर्ण और मऊगंज जिलो में ई-गवर्नेंस दक्ष को मंजूरी दी है। यहां ई गवर्नेंस सोसायटी का काम शुरू करने के लिए 15 पदों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा उज्जैन में महाकाल लोक और तपोभूमि में दो थाने खुलेंगे। कैबिनेट ने इसे मंजूरी देने के साथ 150 पद मंजूर किए हैं।