रोहतक। रोहतक के युवाओं ने हाड़ कंपा देने वाली ठंड की परवाह न करते हुए ऐसी इंसानियत की मिसाल पेश की कि लोग तारीफ करते नहीं तक रहे। वर्षों से बंद पड़े 50 फीट गहरे कुएं में झांकने से भी जहां लोग डर जाते हैं, उस कुएं में कुछ युवा मात्र एक सीढ़ी के सहारे उत्तर गए। मकसद था कुएं में गिर गए एक बिल्ली के बच्चे की जान बचाना। युवा उस समय कुएं में उतरे जब दमकल कर्मियों ने इस कुएं में नीचा उतरना खतरनाक बता दिया था।
दमकल विभाग का कहना था कि कुआं कई वर्षो से बंद है और उसमे काफी दलदल है जिसकी वजह से जहरीली गैंसे हो सकती हैं। इसके बावजूद जान पर इंसानियत भारी पड़ गई और युवा जान की परवाह न करते हुए बच्चे को बचाने में लग गए। कुएं की तलहटी के दलदल में फंसे नन्हें बिल्ली के बच्चे को युवा प्रदीप चांग ने यूं ही मरने देने के लिए नहीं छोड़ा। वो उसे कुएं से बाहर लाए और जान बचाई। बिल्ली के बच्चे की जान बचाने की ये घटना पूरे पांच घंटे तक महम के वार्ड पांच में लोगों का कोतूहल बनी रही। पुलिस, दमकल कर्मी और वार्डवासी इस दौरान अपना अपना सहयोग करते रहे।
मामले के अनुसार वार्ड 15 के सरस्वती सीनियर सेकंडरी स्कूल की दीवार के पास एक पुराना कुआं है। ये लगभग 50 से 60 फीट गहरा है। इसकी तलहटी में पानी के साथ दलदल बन चुकी है। सुबह नौ बजे के करीब कुएं में एक बिल्ली का बच्चा गिर गया। बिल्ली चिल्लाते हुए मुंडेर पर चक्कर काट रही थी। पास खेल रहे बच्चों ने उसे देख लिया और शोर मचाने लगे। कुछ लोगों ने इसकी सूचना गोसेवक संघ को दी। इसके बाद गोसेवक वहां पर पहुंचे। पुलिस और दमकल की टीम भी वहां पर आई।
गोसेवक संघ के सदस्यों ने बताया कि पहले बिलौटे को निकालने के लिए रस्सी के साथ बाल्टी को लटकाया गया। लेकिन डर के मारे बिलौटा बाल्टी में नहीं आया। वहीं दमकल कर्मियों ने लंबी सीढ़ी न होने पर कुएं में उतरने में असमर्थता जताई। गोसेवकों ने जब खुद कुएं में उतरने की कही तो महम पुलिस के एसआइ रामप्रकाश व दमकल अधिकारी राजीव ने इसे खतरनाक बताते हुए अनुमति देने से मना कर दिया। बाद में गोसेवक प्रदीप एक सीढ़ी को कुएं के दोनों ओर रखकर उस पर रस्से बांध प्रदीप नीचे उतरा। गोसेवकों की टीम में मोनू सुनील, बिट्टु, दीपक, रवि, मंजीत, बिट्टू महाराज शामिल रहे।
घटना की जानकारी नगर पालिका सचिव नवीन नांदल को मिली तो उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अब कस्बे में सभी बंद हो चुके कुओं को कवर कर उन पर जाल लगाने पर काम किया जाएगा। वहीं जिसकी जगह में ऐसे कुएं हैं, उनके मालिकों को उन्हें कवर करने के लिए नोटिस भेजे जाएंगे। दरअसल इसी कुएं में पहले भी दो बार गोवंश गिर चुका है। तब भी लोगों ने क्रेन की मदद से उन्हें बाहर निकाला था।