Holi 2024: 25 मार्च को रंगो का पर्व होली का त्योहार है। होली से आठ दिन पहले ही होलाष्ठक शुरु हो जाता है। आज से होलाष्ठक शुरु हो गया है और होलिका दहन 24 मार्च को होगा। ऐसा माना जाता है कि होलाष्ठक के इन आठ दिनों में कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
क्या है होलाष्ठक से जुड़ी कथा
सनातन धर्म में होलाष्ठक को अशुभ मानने के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है। कहते हैं जब एक बार कामदेव ने शिवजी की तपस्या को भंग कर दिया था तब उन्हें महादेव के प्रकोप का सामना करना पड़ा था। इसके बाद क्रोधित होकर भोलेनाथ ने कामदेव को भस्म कर दिया था, जिससे प्रकृति में शोक की लहर फैल गई थी। जिस दिन कामदेव को भस्म किया गया था। उस दिन फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि थी। इसी कारण से यह दिन शुभ नहीं माने जाते हैं।
होलाष्ठक में क्या नहीं करना चाहिए
होलाष्टक में शादी, विवाह, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
होलाष्टक में नए काम की शुरुआत न करें, व्यापार या फिर नया काम न करें।
होलाष्टक में मकान या फिर जमीन खरीदने या वाहन खरीदने जैसे महत्वपूर्ण काम न करें और इस समय एडवांस पेमेंट देने से भी बचें।
होलाष्टक में किसी भी नए सामान सोने चांदी के गहने और घरेलू सामान की खरीद करना भी अशुभ माना जाता है।
होलाष्टक में यज्ञ और हवन जैसा धार्मिक अनुष्ठान न करें, इस समय अनुष्ठान का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
होलाष्ठक में क्या करना चाहिए
गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें और परिवार में बच्चों से अच्छा बर्ताव करें और उन्हें प्यार दें।
होलाष्ठक के इन आठ दिनों में भगवान विष्णु और कुल के देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है।
हर दिन पूजा के समय भगवान राम और कृष्ण को अबीर और गुलाल लगाएं और श्रीसूक्त का पाठ करें। इससे मन को शांति मिलती है।
रोजाना भगवान शिव की पूजा करें।
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