रोहतक। हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह आज आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र रोहतक पहुंचे। यहां पर उन्होंने सांपला में दीनबंधु छोटूराम की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए।इसके बाद जनता को सम्बोधित करते हुए सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने के पीछे रही वजहों के बारे मे खुलकर बात की ।
उन्होंने बताया कि भाजपा छोड़ने का कोई एक नहीं बल्कि कई कारण रहे हैं, जब वे जीतकर आए तो उसके थोड़े समय बात ही यह लगना शुरू हो गया था कि भाजपा में उनका नहीं खा सकता। उसके बाद जो घटनाएं हुई वह चाहे किसान आंदोलन हो, अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया हो या फिर पहलवानों का आंदोलन सहित अन्य मुद्दे। जिन पर वे संसद में होते हुए बहुत सहमति नहीं रखते थे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पहले 5 साल जो थे वे दूसरी तरह के थे। लेकिन ये 5 साल थे, इनमें जो एजेंडा था वह खुलना शुरू हो गया। भाजपा छोड़ने का फैसला तो साल-सवा साल पहले ही ले लिया था। अगर उस समय वे भाजपा छोड़ते तो उप चुनाव होते। जिससे लोगों को परेशानी होती और जनता का पैसा भी खर्च होता। एक बार तो मन था कि जब भारत जोड़ा यात्रा पहली बार शुरू हुई थी तो उस दौरान ही कांग्रेस में शामिल हो जाएं।
दुष्यंत पर तंज
इस दौरान सांसद बृजेंद्र सिंह ने पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बयान पर भी पलटवार किया। दुष्यंत चौटाला ने 13 मार्च को हिसार में आयोजित रैली में सांसद बृजेंद्र सिंह के भाजपा छोड़ने पर कहा था कि अगर दो दिन और इंतजार कर लेते तो शायद पार्टी छोड़ने की नौबत नहीं आती। लेकिन उन्हें मेरे (दुष्यंत) से ज्यादा जल्दी थी। इस पर सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी हताशा अब सामने आने लग रही है। उन्होंने बोदी (कमजोर) बात की कि जब वे भाजपा में टिकट मांगने गए तो उन्हें रोहतक की टिकट दी गई। इसके बदले उन्होंन 5100 पेंशन मांगी। इस पर तंज कसते हुए कहा कि वे राज में थे या भीख मांग रहे थे।