पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बेहद अहम फैसला लेते हुए साफ कर दिया है कि सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते वक्त पंजाबी टेस्ट अनिवार्य करने का कोई प्रावधान नहीं है. नियमानुसार नियुक्ति से पहले यह अनिवार्य योग्यता हासिल करना जरूरी है। हाईकोर्ट ने कांस्टेबल पद पर नियुक्ति से इनकार करने के पंजाब सरकार के आदेश को खारिज करते हुए यह अहम फैसला सुनाया है।
याचिका दाखिल करते हुए पठानकोट निवासी अविनाश दलमोत्रा ने हाई कोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार ने जुलाई 2021 में कांस्टेबल भर्ती निकाली थी। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में एक आवेदन भी प्रस्तुत किया था। भर्ती के लिए आवेदन करने से पहले उन्होंने पंजाबी परीक्षा के लिए भी आवेदन किया था।
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कोरोना के कारण 2021 में यह परीक्षा आयोजित नहीं की गई और बाद में परिणाम अप्रैल 2022 में जारी किया गया। याची का कहना था कि उसने भर्ती में हिस्सा लिया और सभी परीक्षाएं पास करने के बाद उसका नाम चयन सूची में भी था, लेकिन उसे नियुक्ति नहीं दी गई।
पंजाब सरकार ने कहा कि आवेदन के समय याचिकाकर्ता के पास पंजाबी परीक्षा प्रमाणपत्र नहीं था, जिसके कारण उनकी नियुक्ति नहीं की जा सकती। विज्ञापन और नियमों का अवलोकन करने के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि प्रावधान के मुताबिक पंजाबी टेस्ट सर्टिफिकेट नियुक्ति से पहले जरूरी है, आवेदन के समय नहीं। ऐसे में हाईकोर्ट ने नियुक्ति से इनकार करने के पंजाब सरकार के फैसले को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता को 6 सप्ताह के भीतर नियुक्ति देने का आदेश दिया।