Monday, May 6, 2024
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शादीशुदा प्रेमी के साथ सब जानते हुए भी किया सेक्स तो नहीं माना जायेगा रेप, पढ़े हाईकोर्ट का फैसला

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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के मामले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की है कि अगर प्रेमी शादीशुदा है, ये जानने के बाद भी महिला लिव इन में रहे और शारीरिक संबंध बनाये, तो फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मामला नहीं बनता। न्यायधीश ने पीड़िता की याचिका खारिज कर दी।

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चंडीगढ़। शादीशुदा से रेप के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है जिसको लेकर चर्चा हो रही है। हाई कोर्ट ने कहा है कि अगर प्रेमी शादीशुदा है, फिर भी उसके साथ महिला शारीरिक संबंधों में रही, तो ऐसे में शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता। दरअसल पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में शादी का झांसा देकर रेप के आरोप का मामला आया था, जिसमें दुष्कर्म के आरोपी को बरी करने के ट्रायल के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि ‘ प्रेमी शादीशुदा है, फिर भी उसके साथ महिला शारीरिक संबंध में रही तो ऐसे में अब शादी का झांसा देकर रेप करने की दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता’। यह कहते हुए हाईकोर्ट ने जींद की युवती से रेप के आरोपी को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका को खारिज कर दिया।

पीड़ित महिला ने याचिका में बताया कि रेप करने वाला आरोपी अक्सर उसका पीछा करता रहता था। इससे वह परेशान हो गई। पीड़िता ने धमकी दी कि वह इसके खिलाफ पुलिस को शिकायत करेगी। यह सुनकर व्यक्ति ने कहा कि वह उससे प्यार करता है। पुलिस को शिकायत दी तो वह आत्महत्या कर लेगा।इसके बाद धीरे-धीरे दोनों में मुलाकातें होने लगी। पीड़िता ने कहा कि आरोपी उस पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने लगा। उसने इससे साफ इनकार कर दिया।

याचिका में कहा गया है कि इसके बाद एक दिन उसने पीड़िता को नशा खिलाकर संबंध बनाने की कोशिश की। वह नशे में थी, इसलिए विरोध नहीं कर सकी। इसके बाद आरोपी बार-बार उसे अपने पास बुलाकर संबंध बनाने लगा। उसने झांसा दिया कि वह पीड़िता से शादी करेगा। फिर अचानक एक दिन पीड़िता को पता चला कि आरोपी पहले से शादीशुदा है। यह जानकर उसने आरोपी से दूरी बना ली। यह देख आरोपी ने उसे धमकी दी। उसने कहा कि अगर किसी को इसके बारे में बताया तो जान से मार देगा। इससे परेशान होकर उसने 2018 में जींद में केस दर्ज करवा दिया। इस मामले में ट्रायल कोर्ट में केस चला। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को रेप के आरोपों से बरी कर दिया। पीड़िता ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी।

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में कहीं भी संबंध को लेकर पीड़िता का विरोध नजर नहीं आ रहा। यहां तक कि आरोपी के शादीशुदा होने का पता होने के बावजूद पीड़िता ने उससे शारीरिक संबंध बनाए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जब पीड़िता को पता था कि आरोपी शादीशुदा है और उससे शादी नहीं हो सकती, तब भी संबंध बनाए रखना पीड़िता के ही खिलाफ जाता है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट के फैसले को नहीं बदला जा सकता। जिसके बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

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