Prayagraj Floating Police Chowki : महाकुंभ 2025, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम कहा जा रहा है, में सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। प्रयागराज और इससे जुड़े सात प्रमुख मार्गों पर 102 चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। इन चेकिंग प्वाइंट्स पर कुल 1026 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जिनमें 71 निरीक्षक, 234 उपनिरीक्षक, 645 आरक्षी, और 76 महिला आरक्षी शामिल हैं।
हालांकि, यह सुरक्षा सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं है। यूपी पुलिस ने इस बार फ्लोटिंग पुलिस चौकी स्थापित की है, जिसे “जल पुलिस” नाम दिया गया है। यह चौकी गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं और नाव यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है।
फ्लोटिंग चौकी: जल मार्ग की सुरक्षा का नया आयाम
फ्लोटिंग पुलिस चौकी का मुख्य उद्देश्य है पानी में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को तुरंत सहायता पहुंचाना। इस अस्थायी इकाई को आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई, मार्गदर्शन और सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
#WATCH | Uttar Pradesh police built a special floating police chowki to help devotees as the 45-day #Mahakumbh2025 begins with the auspicious Paush Purnima, today pic.twitter.com/1JE2tzQ8mH
— ANI (@ANI) January 13, 2025
इसके अलावा, इस फ्लोटिंग यूनिट को संचार प्रणालियों और विशेष सुरक्षा उपकरणों से लैस किया गया है। तैनात कर्मियों को जल सुरक्षा के विशेष प्रशिक्षण दिए गए हैं ताकि वे हर स्थिति का सामना कर सकें।
डीजीपी प्रशांत कुमार का बयान
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, “महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।” प्रयागराज में 113 होमगार्ड, 11 कंपनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, और 15 कंपनी पीएसी तैनात की गई है।
इस बीच, जल मार्ग की निगरानी के लिए एक कंपनी और दो प्लाटून पीएसी को विशेष रूप से तैनात किया गया है। सुरक्षा में मदद के लिए 10 वज्रवाहन, 15 ड्रोन, और 5 बम निरोधक दस्ते 24 घंटे सक्रिय रहेंगे।
वाहनों पर प्रतिबंध और वीआईपी प्रोटोकॉल में बदलाव
महाकुंभ मेला डीआईजी वैभव कृष्ण ने स्पष्ट किया है कि मेला क्षेत्र में किसी भी दोपहिया या चारपहिया वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। लेकिन, यह फैसला श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन के लिए लिया गया है।
इसके अलावा, वीआईपी प्रोटोकॉल को भी खत्म कर दिया गया है ताकि सभी श्रद्धालु समान अनुभव प्राप्त कर सकें। मेला क्षेत्र में मल्टी-लेयर बैरियर लगाए गए हैं जो सुरक्षा को और मजबूत बनाते हैं।
महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ 2025 न केवल एक आध्यात्मिक समागम है बल्कि एक सुरक्षा मॉडल भी प्रस्तुत करता है। इसलिए, श्रद्धालु निश्चिंत होकर इस आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। यह आयोजन 144 वर्षों में एक बार होता है और इसमें सुरक्षा व्यवस्था का यह स्तर एक मिसाल कायम करता है।
अंततः, महाकुंभ 2025 ने सुरक्षा के साथ आध्यात्मिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत किया है।