कैथल। हरियाणा की धरती ने बेटे ही नहीं वीर बेटियां भी पैदा की हैं। अभी तक खिलाडी बेटियों ने मेडलों से प्रदेश की गोद भर दी थी अब थल सेना में तैनात बेटी ने शहादत दी है। कैथल स्थित कलायत के गांव बालू की बेटी 29 वर्षीय कैप्टन पूनम रानी शहीद हो गई। वह पिछले करीब 6 साल से दिल्ली के आर्मी अस्पताल में एक चिकित्सक के रूप में कार्यरत थी। पूनम की आर्मी अस्पताल में मरीज का इलाज करते समय तबीयत बिगड़ गई और कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।
दिल से संबंधित बताई जा रही बीमारी
जानकारी अनुसार कैप्टन पूनम रानी प्रदेश की पहली बेटी है जिन्होने देश के लिए शहादत दी है। पूनम रविवार को अपने अस्पताल में एक मरीज का इलाज कर रही थी। उस समय उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई। इसके बाद पूनम को इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन अधिक दिक्कत होने के चलते उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है उसे दिल से संबंधित कोई परेशानी हुई थी। इसके चलते ही उसकी मौत हुई है। अपने गांव की वीर बेटी कैप्टन पूनम की मौत की सूचना मिलते ही घर और गांव में मातम पसर गया।
युवाओं ने सम्मान में लगाए नारे
कैप्टन पूनम का पार्थिव शरीर उसके गांव बालू में लाया गया। जब उनका शरीर गांव आया तो पूरा गांव अपनी बेटी को देखने के लिए उमड़ पड़ा। युवाओं ने उनके सम्मान में नारे लगाए। अंतिम संस्कार में गांव के पंच सरपंच, गायक कर्मबीर फौजी सहित महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा भी पूनम को अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंची थी। पूनम का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गायक ने कहा कि धन्य है हमारे देश की बेटियां और धन्य है वह कोख जिसने ऐसी बहादुर बेटियां पैदा की है।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
बता दें कि कैप्टन पूनम रानी के पिता रामेश्वर फौजी ने भी सेना में अपनी सेवाएं दी हैं और वे पूर्व सैनिक हैं। पूनम रानी को दोपहर बाद उसके पैतृक गांव बालू में लाया गया। इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों ने बताया कि पूनम अविवाहित थी। पूनम का आठ फरवरी 2017 में भारतीय थल सेना में चयन हुआ था। कैप्टन पूनम के पिता रामेश्वर फौजी भी सेना में रह चुके हैं।
बेटियों को जीने दो
कैप्टन पूनम के पिता रामेश्वर फौजी ने कहा कि मुझे गर्व है कि हरियाणा में पहली बेटी शहीद हुई है, वो मेरी नहीं मेरे देश की बेटी थी। हमारे देश को ऐसी बलिदानी बेटियों की आज जरूरत है। मेरी बेटी ने मेरा ही नहीं मेरे पुरे गांव का नाम रोशन कर दिया। आज हर घर को उससे प्रेरणा लेनी चाहिए कि बेटियों को जीने दो वो आपका नाम रोशन करेगी।