चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने शासन को सुव्यवस्थित करने, एमएसएमई विकास को गति देने और कारोबार करने में सहुलियत बढ़ाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए, टियर 2 और टियर 3 शहरों के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सोमवार हुई बैठक के दौरान चौथे मुख्य सचिव सम्मेलन के कार्य बिंदुओं की समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि हरियाणा ने 14 प्रमुख केंद्रीय और राज्य कानूनों के तहत 446 अप्रचलित अनुपालन अपेक्षाओं को समाप्त किया है। इसके अलावा, 27 छोटे अपराधों को अपराध मुक्त किया गया है। सभी परिवर्तनों को राष्ट्रीय एकीकरण के लिए डीपीआईआईटी पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा अपने कानूनी ढांचे को जन विश्वास विधेयक के साथ संरेखित किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य इस वर्ष के अंत तक 231 अधिनियमों में अतिरिक्त 50 प्रावधानों को अपराधमुक्त करना है। अब तक, 838 कारोबार-संबंधी और 271 नागरिक-संबंधी अनुपालनों को सरल बनाया गया है।
बुनियादी ढांचे की योजना को एक डिजिटल ढांचे के तहत लाने के उद्देश्य से, हरियाणा ने अनिवार्य किया है कि 100 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के माध्यम से मंजूरी दी जाए। ये परियोजनाएँ अब मुख्यमंत्री द्वारा अंतिम अनुमोदन से पहले नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप, तकनीकी सहायता इकाई और सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह वाली त्रि-स्तरीय जांच प्रक्रिया से गुजरेंगी।
33 औद्योगिक पार्क परियोजनाओं को मंजूरी
बैठक में बताया गया कि अपनी ‘कलस्टर प्लग एंड प्ले’ स्कीम के माध्यम से, हरियाणा ने 164.54 करोड़ की संयुक्त अनुदान सहायता के साथ 33 औद्योगिक पार्क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। फ्लैटेड फैक्ट्रियों के माध्यम से तेजी से उद्यम स्थापित करने में सक्षम बनाने वाली इस योजना को जून 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, पद्मा पहल के तहत प्रदेश के सभी 143 खंडों में मिनी-औद्योगिक पार्क स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। तीन पार्क निर्माणाधीन हैं, जिनमें से चालू वित्त वर्ष में सात को पूरा करने तथा 18 और को मंजूरी देने का लक्ष्य है।
सिंगल विंडो सिस्टम में बड़े बदलाव की योजना
“इन्वेस्ट हरियाणा” पोर्टल व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण इंटरफ़ेस बन चुका है, जो 29 विभागों में 140 सेवाएँ प्रदान करता है। इस वर्ष 20 और जिला-स्तरीय सेवाएँ जोड़ी जाएँगी। वर्ष 2025 के अंत तक सिंगल विंडो सिस्टम में बड़े बदलाव की योजना है, जिसमें रीयल-टाइम डैशबोर्ड, प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स और एआई-आधारित चैटबॉट शामिल हैं। वर्कफ़्लो ऑटोमेशन और पारदर्शी ट्रैकिंग के चलते वर्ष 2022 से क्लीयरेंस का समय 24 दिन से घटकर 12 दिन हो गया है।
राज्य स्टार्टअप नीति 2022 के तहत हरियाणा में 8,800 से अधिक डीपीआईआईटी-पंजीकृत स्टार्टअप हो चुके हैं, जिनमें से 45 प्रतिशत का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। राज्य सरकार द्वारा, विशेष रूप से गुरुग्राम में इनोवेशन और स्टार्टअप हब जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाकर इनक्यूबेशन, मेंटरिंग और सीड फंडिंग में सहायता की जा रही है। इस साल टियर 2 और 3 शहरों में दस नए इनक्यूबेशन सेंटर शुरू किए जाएंगे।
30 सांझा सुविधा केन्द्र स्थापित किए
हरियाणा ने मिनी कलस्टर विकास योजना के तहत 30 सांझा सुविधा केन्द्र (सीएफसी) स्थापित किए हैं, जो उन्नत मशीनरी और निर्यात सुविधा तक सांझा पहुँच प्रदान करते हैं। अकेले सिरसा और रेवाड़ी में कलस्टरों ने हजारों रोजगार सृजित किए हैं। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक हर जिले में 50 और सीएफसी तथा एक पद्मा पार्क स्थापित करना है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 105 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अक्षय ऊर्जा प्रशिक्षण केंद्रों में बदल दिया गया है। इन संस्थानों में 4,400 से अधिक प्रशिक्षुओं को सौर तथा हरित प्रौद्योगिकियों में कुशल बनाया जा रहा है। इसके अलावा, हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना के माध्यम से महिला उद्यमियों को 7 प्रतिशत ब्याज छूट के साथ 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।