कैथल : हरियाणा मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन रिटायर्ड जस्टिस ललित बतरा ने कहा कि सभी कैदियों को समय पर पैरोल मिले इसके लिए प्रदेश की सभी जेलों में ऑटो जनरेटेड सिस्टम बनाने की जरूरत है। इसको लेकर वे जेल महानिदेशक से बातचीत करेंगे ताकि कोई ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित किया जा सके, जिससे प्रत्येक कैदी को बिना देरी के पैरोल मिल सके। संबंधित कैदी को अप्लाई करने की जरूरत न पड़े, बल्कि जेल प्रबंधन अपने आप संबंधित को जानकारी दे कि अब उसकी पैरोल का समय आ गया है। पैरोल प्रत्येक कैदी का मानव अधिकार है, कोई भी कैदी या बंदी इससे वंचित न रहे।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन ललित बतरा सोमवार को जिला जेल के निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ आयोग के सदस्य कुलदीप जैन, सदस्य दीप भाटिया, डॉक्टर पुनीत अरोड़ा प्रोटोकॉल , सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हरियाणा मानव आयोग व रजिस्ट्रार मौजूद रहे। उन्होंने जिला जेल में मुलाकात कक्ष से लेकर सभी बैरक, अस्पताल, कैंटीन, वर्कशॉप, लॉन्ड्री, खाद्यान भंडारण तथा वीसी रूम आदि का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने कैदियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी। जेल की व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने संतुष्टि जाहिर की और कुछ दिशा निर्देश भी दिए।
सभी बंदियों व कैदियों की समय पर समय पर काउंसलिंग करवाई जाए
उन्होंने जेल अधीक्षक अशोक कुमार को निर्देश दिए कि सभी बंदियों व कैदियों की समय पर समय पर काउंसलिंग करवाई जाए। उन्होंने खाद्यान भंडारण को लेकर जमीन पर रैक व रसोई में झाली लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कैदियों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट को बेचने के लिए मार्किट तलाशने को लेकर जेल अधीक्षक को कहा। चेयरपर्सन जस्टिस ललित बत्रा ने कैदियों व बंदियों से जेल में मिल रही सुविधाओं को बारे में भी जानकारी हासिल की और पैरोल, फरलो आदि के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
पैरोल सभी का अधिकार है, नियमानुसार लाभ मिलना चाहिए
उन्होंने कहा कि पैरोल सभी का अधिकार है और नियमानुसार सभी को इसका लाभ मिलना चाहिए। सजायाफ्ता कब से जेल में है, कब उसकी एंटाइटलमेंट पैरोल के लिए बनी। यह सब कुछ कंप्यूटराइज्ड होना चाहिए। कुछ अशिक्षित कैदियों को पता नहीं होता है कि यह उसका अधिकार है। जेल प्रबंधन संबंधित को बताएं कि वह कब और कितने दिन के लिए पैरोल पर जा सकता है। डीसी व एसपी को भी इस बारे में कहा गया है कि पैरोल से संबंधित प्रक्रिया 42 दिन के अंदर पूरी हो जाने चाहिए। इस अवसर पर जेल अधीक्षक अशोक कुमार, डीएसपी सुशील प्रकाश, नायब तहसीलदार जोगिंद्र धनखड़ सहित अन्य जेल स्टाफ मौजूद रहा।
भीख मांगने वालों को मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में करें काम
इससे पहले हरियाणा मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप जैन, सदस्य दीप भाटिया ने पीडब्ल्यूडी विभाग के विश्राम गृह में डीसी प्रीति व एसपी आस्था मोदी से शहर की कानून व्यवस्था और आयोग की योजनाओं के बारे में बातचीत की।
उन्होंने डीसी व एसपी से कहा कि भीख वृत्ति पर रोक लगाने को लेकर जिला प्रशासन आवश्यक कदम उठाएं और उनका डाटाबेस तैयार करें। इसके साथ ही भीख मांगने के पीछे के कारणों का पता लगाएं और उनके अंदर कौशल विकसित करते हुए उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने की दिशा में काम करें। इस विषय को लेकर एनजीओ व सामाजिक संस्थाओं के साथ भी तालमेल करें।