चंडीगढ़ :हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश ने राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) संग्रह में राष्ट्रीय वृद्धि दर को पार करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है और वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय रिकॉर्ड स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा द्वारा अकेले अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह में 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए देश में चौथा स्थान हासिल किया है ।
मुख्यमंत्री ने संत कबीर कुटीर में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान यह बात कही। बैठक में जीएसटी और औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से कई सुधार लागू किए हैं, जिससे फर्म पंजीकरण प्रक्रिया सरल हुई है और कर भुगतान सुव्यवस्थित हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को 1 जुलाई को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले आगामी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आने निमंत्रण भी दिया.
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वित्त वर्ष 2020-21 को जीएसटी एमनेस्टी योजना के अंतर्गत शामिल किया जाए, तथा कुछ पिछली जीएसटी देनदारियों पर दंड और ब्याज की छूट के माध्यम से करदाताओं को राहत प्रदान की जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस मामले को जीएसटी परिषद के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा तथा उचित तरीके से उनका समाधान किया जाएगा।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि हाल ही में व्यापारियों और करदाताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए रेवाड़ी जिले में एक कर भवन के उद्घाटन सहित राज्य के सभी 27 जीएसटी कार्यालयों में आधार-आधारित सुविधा केंद्रों का भी उद्घाटन किया गया है । इन केंद्रों की स्थापना एक ही स्थान पर समाधान प्रदान करने के लिए की गई है, जहां व्यापारी पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करना, कर भुगतान और जीएसटी कानून से संबंधित परामर्श जैसी विभिन्न सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर डिजिटल तकनीक के उपयोग के माध्यम से कई प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, जिससे व्यापारियों के समय और संसाधनों दोनों की बचत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सुविधा केंद्र विकसित हरियाणा, विकसित भारत के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बैठक में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र कल्याण, आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त विनय प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी भारती और राज्य के विभिन्न जिलों से आये सीए भी उपस्थित थे।