Hanuman Janmotsav 2024 : रोहतक माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में ब्रह्मलीन गुरुमां गायत्री जी की कृपा से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि बुधवार 30 नवंबर को हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास से मना । पवन पुत्र हनुमान जी को आकर्षित लाइट व फूलों से सजाया गया था। प्रात 9:00 बजे मुख्य अतिथि भूतपूर्व मेयर मनमोहन गोयल और डॉक्टर आदित्य बत्तरा (होली हार्ट) द्वारा भक्तिभाव और श्रद्धापूर्वक ध्वजारोहण किया गया। कार्यक्रम में श्री हनुमान जी का पूजन एवं कीर्तन और गुरुमां साध्वी मानेश्वरी देवी के प्रवचन हुए।
इस अवसर पर भक्त रविंद्र (फूलों वाले) द्वारा हनुमान जी 31 किलो का लड्डू और हनुमान जी का प्रिय 21 प्रकार के मिष्ठान आहार का भोग लगाया गया जिसमें इमरती, चुरमा, गाजर का हलवा, मोतीचूर व गुड के लड्डू, आनार, पेठा आदि थे। एडवोकेट पी.एन. कथूरिया ने मुख्य अतिथियों को हनुमान जी की प्रतिमा और स्मृति चिह्न भेंट किया। हनुमान सेवा दल और पृथ्वीराज भाटिया द्वारा झंडे को सलामी दी और हनुमान जी का गुणगान किया। तत्पश्चात प्रसाद वितरित हुआ।
वर्ष में दो बार आता हैं
परमश्रद्धेया साध्वी मानेश्वरी देवी जी ने बताया कि हनुमान महोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है प्रथम हनुमान जन्मोत्सव चैत्र की पूर्णिमा को मनाई जाती है यह दिन श्री हनुमान जी के बोध दिवस के रूप में भी मनाया जाता है इसलिए इसे अध्यात्मिक जगत के साथ जोड़ा गया है। दूसरा दीपावली से पूर्व जिसे कार्तिक चौदस का नाम देते हैं। इस दिन हनुमान जी ने पृथ्वी पर मानव रूप धारण किया था। इस रूप में हनुमान जी ने मानव कल्याणार्थ कार्य किए। उन्होंने धर्म की रक्षा कर मानव मूल्यों को नई दिशा दी थी। इसे विजय अभिनंदन के तौर पर मनाया जाता है क्योंकि हनुमान जी ने भगवान श्रीराम को रावण पर विजय दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
साध्वी मानेश्वरी देवी ने बताया कि अंजली पुत्र हनुमान भगवान भोलेनाथ के रुद्र अवतार हैं।हनुमान जी की माता सीता ने अमरता का वरदान दिया था, इसलिए कलियुग में हनुमान जी ऐसे देवता हैं जो आज भी जीवित हैं. जो सच्चे मन से इनका सुमिरन करता है ये उसकी सारी चिंताएं हर लेते हैं। हनुमान जी राम भक्त हैं और इन्हें संकट मोचन भी कहा जाता है।
फोटो कैप्शन : माता दरवाजा स्थित संकट मोचन मंदिर में हनुमान जन्मोत्सव पर मुख्य अतिथि भूतपूर्व मेयर मनमोहन गोयल और डॉक्टर आदित्य बत्तरा (होली हार्ट) ध्वजारोहण करते हुए और साथ है साध्वी मानेश्वरी देवी और भक्तजन।