गुरदासपुर, कड़ी मेहनत करने के बाद जब आपको उस मेहनत का फल मिलता है तो उसकी खुशी का वर्णन नहीं किया जा सकता। वही खुशी आज हरचोवाल गांव के इस घर में देखी जा सकती है। फ्लाइंग ऑफिसर बने और अपने घर में कदम रखा। जैसे ही पता चला कि जीवनजोत घर आ रहा है तो गांव वालों के साथ-साथ रिश्तेदार भी उसे बधाई देने लगे। फ्लाइंग ऑफिसर का सभी ने बहुत खुशी और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
खास बात यह है कि इस घर की तीन पीढ़ियों ने सेना के माध्यम से देश की सेवा की। पहले जीवनजोत के दादा, फिर पिता और चाचा जेसीओ के पद से सेना से सेवानिवृत्त हुईं। वहीं अब इस परिवार की चौथी पीढ़ी जीवनजोत भी फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में देश की सेवा करेंगी और सेना में शामिल होने वाली वह परिवार की पहली बेटी हैं।
जाहिर है जीवनजोत की इस रैंक तक पहुंचने का संघर्ष बहुत बड़ा है। जीवनजोत और उनके परिवार ने कहा कि जीवनजोत ने अपनी मैट्रिक और 12वीं कक्षा की शिक्षा गांव और बटाला के एक निजी स्कूल से पूरी की और बाद में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
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जिसके बाद एक अच्छे आईटी सेक्टर में नौकरी मिल गई और 2 साल तक काम किया लेकिन जब लॉकडाउन ने लोगों के लिए दरवाजे बंद कर दिए तो, जिंदगी के लिए एक नया दरवाजा खुल गया। जोत के भाई ने उसे सेना के लिए तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया। आख़िरकार उन्होंने अपने भाई की बात मानी और नौकरी छोड़कर हैदराबाद में वायु सेना अकादमी में शामिल हो गए।