गुप्त नवरात्रि कलश शुभ मुहूर्त (Gupt Navratri 2023)
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 5 बजकर 23 मिनट से लेकर 7 बजकर 08 मिनट तक रहेगा एवं दूसरा मुहूर्त सुबह 8 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
गुप्त नवरात्रि पूजन सामाग्री
पूजा करने से पहले फूल, फूल माला, आम के पत्ते, बंदनवार, पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पिसी हुई हल्दी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि सामान पहले से ही इकट्ठा कर लें।
गुप्त नवरात्रि पूजन विधि
- आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि पर देवी की पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
- स्नान करके शुभ मुहूर्त में पवित्र स्थान पर देवी की मूर्ति या चित्र को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें और उसे गंगा जल से पवित्र करें।
- देवी की विधि-विधान से पूजा प्रारंभ करने से पहले मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बो दें।
- इसके बाद माता की पूजा के लिए कलश स्थापित करें और अखंड ज्योति जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ और उनके मंत्रों का पूरी श्रद्धा के साथ जप करें।
10 महाविद्याओं की होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, माता भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, माता मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। सभी देव आत्माओं के भी कार्यों के अनुसार अलग-अलग विभाग होते हैं। जैसी जिसकी समस्या उसे वैसी ही देव आत्माओं की शरण में जाना चाहिए।