Friday, May 17, 2024
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भारत सरकार ने लैपटॉप और कंप्यूटर इंपोर्ट के नियम में किया बदलाव

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भारत सरकार की ओर से लैपटॉप और कंप्यूटर इंपोर्ट के लाइसेसिंग के नियमों में बदलाव किया गया है। ऐसे प्रोडेक्ट्स के इंपोर्ट के लिए एक ऑनलाइन ऑथराइजेशन सिस्टम स्थापित की गई है। इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि नई लाइसेंसिंग या ऑथराइजेशन सिस्टम का उद्देश्य मुख्य रूप से इन प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट (Import) की निगरानी करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विश्वसनीय स्रोतों से आ रहे हैं। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

उन्होंने कहा कि इंपोर्ट पर अंकुश को लेकर इनसे जुड़े लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नीति में कुछ बदलाव किए गए हैं और आयातकों के लिए ‘एंड-टू-एंड’ ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया गया है। यह सिस्टम आयातकों के लिए बिना कहीं जाए और बिना संपर्क डिटेल भरने की सुविधा प्रदान करेगी। नई लाइसेंस व्यवस्था लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (टैबलेट कंप्यूटर सहित), माइक्रो कंप्यूटर, बड़े या मेनफ्रेम कंप्यूटर और कुछ डेटा प्रोसेसिंग मशीनों पर लागू है। चार अगस्त को ही सरकार की ओर से ये घोषणा की गई थी कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और चीन जैसे देशों से इंपोर्ट में कटौती करने के उद्देश्य से इंपोर्टर्स को एक नवंबर से इन वस्तुओं के इंपोर्ट के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी।

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डीजीएफटी सारंगी ने बताया कि आयातक आयात का लाइसेंस हासिल करने के लिए सिस्टम पर आवेदन कर सकता है। इसमें मात्रा, मूल्य या किसी देश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। नई प्रणाली की तैयारी में रेवेन्यू डिपार्टमेंट भी शामिल है और पूरी आवेदन प्रक्रिया में लगभग 10 मिनट का समय लगेगा। लाइसेंस ऑटोमैटिक तरीके से जारी किया जायेगा।

सारंगी ने कहा कि डिनाइड आइडेंटिटी लिस्ट’ में शामिल कंपनियों को लाइसेंस नहीं मिलेगा। ऐसी सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जिन्होंने एक्सपोर्ट प्रोमोशन कैपिटल गुड्स (ईपीसीजी) जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर निर्यात दायित्वों को पूरा करने में उनसे चूक हुई है। जिनके खिलाफ डीआरआई (डायरोक्टेरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के मामले चल रहे हैं। पुराना सामान या आयात करने की इच्छुक कंपनियों को भी इस लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं होगी।

 

 

 

 

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