बठिंडा, पिछले दो माह से कार्यालय कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से सरकारी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गया है। लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से सरकारी दफ्तरों में कुर्सियां खाली नजर आ रही हैं। बठिंडा में सरकारी संस्थानों में कार्यरत विभिन्न लिपिक वर्ग के कर्मचारियों द्वारा पिछले काफी समय से पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।
वहीं इन विरोध प्रदर्शनों से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जब लोग अपने काम के लिए सरकारी संस्थानों में आते हैं तो आरोपियों की हड़ताल का हवाला देकर उन्हें बैरंग कार्यालयों से वापस भेज दिया जाता है। लोगों का कहना है कि वे जिला बठिंडा के विभिन्न गांवों से आते हैं और उनका किराया भी अधिक है, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है।
तहसील में काम करवाने आए लोगों का कहना है कि वह काफी समय से अपनी रजिस्ट्री के लिए तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन तहसीलदार कार्यालय में हड़ताल के कारण उनका कोई भी काम नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं जब वे तहसील आते हैं तो उनसे सीधे तौर पर बात तक नहीं की जाती और यह कहकर लौटा दिया जाता है कि वे हड़ताल पर हैं। इतना ही नहीं जिला बठिंडा के अलग-अलग गांवों से लोग रजिस्ट्रेशन करवाने आते हैं, क्योंकि जिला बठिंडा होने के कारण उन्हें यहां रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि पंजाब सरकार ने वादा किया था कि लोगों को घर बैठे रजिस्ट्रियां मुहैया करवाई जाएंगी, लेकिन आम आदमी पार्टी खास लोगों की सरकार लगती है, क्योंकि सरकार के दौरान कोई काम नहीं हो रहा है।