नई दिल्ली: तेज रफ्तार वाहन चलाने का शौक रखने वालों की अब खैर नहीं। सरकार ने वाहनों की गति मापने के लिए रडार उपकरण नियम अधिसूचित किए हैं। ये नियम 1 जुलाई से लागू होंगे। नए नियमों के आने के बाद तेज रफ्तार गाड़ी चलाने वालों पर शिंकजा कसेगा।
सटीक रूप से मापेगा वाहनों की रफ्तार
इससे नए प्रावधानों का अनुपालन करने के लिए हितधारकों को पर्याप्त समय मिल पाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सत्यापित रडार स्पीड गन वाहनों की रफ्तार को सटीक रूप से मापेंगे, उल्लंघनों की पहचान करेंगे और यातायात कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करेंगे। इस तरह बेहतर प्रवर्तन होने से लोगों को लाभ होगा।”
मंत्रालय के मुताबिक ये सत्यापित और मुहर लगे रडार उपकरण दुर्घटनाओं को रोकने, सड़कों की टूट-फूट को रोकने जैसे अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस मसौदा नियमों को तैयार करने के लिए भारतीय विधिक माप विज्ञान संस्थान (आईआईएलएम), रांची के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसने ओआईएमएल आर 91 के आधार पर प्रारंभिक मसौदा प्रस्तुत किया है।
इन नियमों की आवश्यकताओं को समझाने के लिए राज्य विधिक माप विज्ञान विभागों, आरआरएसएल अधिकारियों, निर्माताओं और वीसीओ के लिए मसौदा नियमों पर प्रस्तुति दी गई।
एक साथ कई वाहनों पर रखी जाएगी नजर
आधुनिक रडार सिस्टम अत्यधिक सटीक हैं, एक साथ कई वाहनों की गति को माप सकते हैं और अक्सर इसमें स्वचालित लक्ष्य ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं। ये नियम ऐसे समय आए हैं जब सरकार सड़क सुरक्षा रिकॉर्ड में सुधार करना चाहती है। उल्लंघनों की पहचान करने और खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर लगाम के लिए उनकी रफ्तार का सटीक ढंग से पता लगाना महत्वपूर्ण है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के वैध माप विज्ञान प्रभाग ने भारतीय कानूनी माप विज्ञान संस्थान, क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशालाओं, विनिर्माताओं और वाहन प्रमाणन संगठनों के साथ व्यापक परामर्श के बाद नियमों को अंतिम रूप दिया है।