Tuesday, September 23, 2025
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हरियाणा में गिग वर्कर्स को मिलेगा बीमा सुरक्षा योजना का लाभ

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने बजट में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के लिए 1848 करोड़ रुपये तथा श्रम विभाग के लिए 96.81 करोड़ रुपये आवंटित किए है।

नायब सिंह सैनी ने बताया कि गिग वर्कर्स को सशक्त बनाने और उनके सामाजिक, सुरक्षा कवरेज को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नई योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत जिसके तहत पोर्टल पर पंजीकृत सभी गिग वर्कर्स को बीमा सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार, भारत सरकार की मेक इन इंडिया नीति की तर्ज पर मेक हरियाणा कार्यक्रम का प्रारूप बनाएगी, जिसके तहत राज्य के निर्माण, डिजाइन और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने हेतु सरकार विभिन्न योजनाएं लागू करेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट में उभरती आईटी सैवी प्रतिभाओं को मंच देने के लिए स्टार्टअप का प्रावधान किया है, जो एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल सिटी गुरूग्राम व हरियाणा की सबसे पुरानी औद्योगिक सिटी फरीदाबाद का राज्य के औद्योगिक विकास में अहम योगदान रहा है। बजट में यमुनानगर के प्लाईवुड उद्योग को बढ़ावा देने का प्रावधान भी किया है। यह उद्यमियों की पुरानी मांग थी। असम के बाद यमुनानगर का प्लाईवुड उद्योग देश व विदेश में ख्याति प्राप्त है। इसी तरह से पानीपत टैक्सटाइल उद्योग का भी देश में नाम है। बजट में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सड़क तंत्र, मैट्रो व रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की है जो प्रदेश औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने बताया कि हरियाणा में लगभग 2 लाख सूक्ष्म, छोटे तथा मध्यम उद्योग चल रहे हैं। सभी उद्यमियों के लाइसेंस, फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुमतियां, श्रम विभाग की अनुमति, ट्रैड लाइसेंस, प्रदूषण प्रमाण पत्र इत्यादि लेने में अब कोई कठिनाई नहीं है। अब एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिल रही हैं।

उन्होंने बताया कि हरियाणा आत्मनिर्भर टैक्सटाईल पाॅिलसी 2022-25 की अवधि दिसंबर 2026 तक बढ़ाई जाएगी और इसके अंतर्गत पात्र परियोजनाओं की उपरी संख्या सीमा को समाप्त कर दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि एचएसआईआईडीसी द्वारा आईएमटी खरखौदा की तर्ज पर 10 नये औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) विकसित करने के लिए ई-भूमि पोर्टल पर वर्ष 2025-26 की शुरूआत में ही भूमि की मांग दर्ज कर दी जाएगी। साथ ही, किसानों को लैंड पूलिंग पॉलिसी और लैंड पार्टनरशिप पॉलिसी के विकल्प भी दिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि हरियाणा को “जीरो वाटर वेस्टेज औद्योगिक क्षेत्र” के रूप में विकसित करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। इस दिशा में एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए आई एम टी मानेसर को चुना गया है। यहां जल संरक्षण एवं हरित पहल के तहत 55 एमएलडी के सीईटीपी से शोधित जल को रि-साइकिल कर पूरे औद्योगिक क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट का विकास, सेंट्रलाइज्ड फायर सिस्टम तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयोग किया जाएगा ताकि औद्योगिक कचरे और जल संसाधनों का सतत उपयोग हो सके।

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