फोर्ट रायपुर गेम्स, पंजाब के ग्रामीण ओलंपिक कहे जाने वाले ग्रामीण खेलों किला रायपुर का आज दूसरा दिन था और आज दूसरे दिन जिला प्रशासन ने उन बच्चों को विशेष तौर पर पंजाब की संस्कृति, पंजाब की विरासत से परिचित करवाया, जिनके कोई संतान नहीं है। जो बच्चे अनाथ हो जाते हैं उन्हें पंजाब की संस्कृति की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान इन बच्चों ने जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे मेले का आनंद ले रहे हैं।
इस अवसर पर जिला महिला विकास एवं बाल विभाग के अधिकारी ने बताया कि आज इन बच्चों को निःशुल्क दवा दी गयी है। इसके अलावा पुराने समय में चरखा कैसे चलाया जाता था और हमारी महिलाएं घर पर कढ़ाई कैसे करती थीं, इसके बारे में भी जानकारी दी गई है।
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उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इन बच्चों को विशेष तौर पर यहां लाया गया है ताकि वे खेलों के प्रति अधिक से अधिक आकर्षित हो सकें और संस्कृति के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकें।
इस मौके पर स्कूल के विद्यार्थियों ने बताया कि कैसे उन्होंने आज मेले में पहुंचकर न केवल मेले का आनंद लिया है, बल्कि दूसरी ओर वे फोर्ट रायपुर में चल रहे खेलों को भी देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि दूर-दूर से शीर्ष खिलाड़ी आये हैं और इसके अलावा उन्होंने कुछ ऐसी चीजें भी देखी हैं जो उन्होंने आज तक नहीं देखी थी जो पंजाब की संस्कृति और विरासत का हिस्सा है।