बहादुरगढ़। हरियाणा के बहादुरगढ़ मे सोमवार सुबह से घने कोहरे की चादर पसरी हुई है। कोहरे की वजह से दिल्ली-रोहतक रेलवे लाइन पर चलने वाली करीब एक दर्जन रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से लेट चल रही हैं। बहादुरगढ़ से होकर गुजरने वाली पठानकोट एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 7 घंटे लेट है। गोरखधाम एक्सप्रेस 5 घंटे, कालिंदी एक्सप्रेस और अवध आसाम एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 2-2 घंटे लेट चल रही हैं। करीब एक दर्जन रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से लेट चलने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक यात्री ट्रेन लेट होने की वजह से और भी ज्यादा परेशान है। कामकाजी लोगों को अपने दफ्तरों तक पहुंचने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बात की जाए सड़क मार्ग की तो सड़कों पर भी वाहनों की गति पर ब्रेक लग गई है। कोहरे की वजह से विजिबिलिटी बेहद कम है। जिसकी वजह से वाहन चालकों को वाहन चलाने में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें गाड़ी की हेड लाइट ऑन करके धीमी गति से गाड़ियां चलानी पड़ रही हैं। कोहरे की वजह से कल भी जनजीवन अस्त व्यस्त रहा था। कई जगह सड़क दुर्घटनाएं भी देखने को मिली थी। राजधानी दिल्ली से सटे बहादुरगढ़ में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। यहां ह्यूमिडिटी 88% और 2 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है। कोहरे और कड़ाके की ठंड से बचने के लिए लोग अपने घरों में ही दुबके हुए हैं।
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी एडवाइजरी जारी की गई है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सुबह और शाम के समय घर पर ही रहने की हिदायत दी गई। इतना ही नहीं रोहतक, बहादुरगढ़ झज्जर बेरी और बादली में अलग-अलग जगह पर रैन बसेरों का इंतजाम भी किया गया है ताकि कोई भी बेसहारा सड़क पर ना सोए। वाहन चालकों को भी वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप लगवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। आने वाले दिनों में सर्दी और कोहरा बढ़ने की चेतावनी पहले ही मौसम विभाग द्वारा दी गई है। इस घने कोहरे और धुंध की वजह से एक तरफ जहां गेहूं और सरसों की फसल को फायदा होगा। वहीं, सब्जियों की फसल को इससे थोड़ा बहुत नुकसान भी हो सकता है।
इतना ही नहीं पिछले दिनों बहादुरगढ़ में ठंड से बचने के लिए अलाव सेकना भी लोगों पर भारी पड़ता हुआ दिखाई दिया था। दम घुटने से कई हादसों में करीब आधा दर्जन लोग अपनी जान गवां चुके हैं। ऐसे में प्रशासन ने लोगों को हिदायत दी है कि अगर कोई कमरे में ठंड से बचने के लिए लकड़ियां जलाए या अलाव का सहारा ले, तो कमरे के खिड़की और दरवाजे खुले रखें। ताकि ऑक्सीजन की कमी ना हो और दम घुटने से होने वाले हादसों पर रोक लग सके।