रोहतक: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में आगामी 11 से 14 अगस्त तक स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों में नव प्रवेश प्राप्त विद्यार्थियों के लिए दीक्षारंभ उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब यह उत्सव वैदिक परंपरा के अनुसार वेद पाठ के साथ आरंभ होगा। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में न केवल शैक्षणिक रुचि जागृत करना है, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, सामाजिक मूल्यों और राष्ट्र निर्माण की भावना से भी जोड़ना है।
कुलपति प्रो. राजबीर सिंह की अध्यक्षता में दीक्षारंभ उत्सव आयोजन समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें उत्सव की रूपरेखा और व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया। कुलपति ने इस उत्सव को स्मरणीय, अनुशासित और प्रेरणादायक बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक में डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. एस.सी. मलिक तथा कुलसचिव डा. कृष्णकांत ने भी अपने महत्वपूर्ण इनपुट्स दिए ।
कौशल, उद्यमिता और सामाजिक सरोकार पर रहेगा विशेष फोकस
कुलपति ने इस आयोजन को शिक्षा के साथ संस्कार और समाज के प्रति जागरूकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह उत्सव विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कुलपति ने बताया कि दीक्षारंभ उत्सव में विद्यार्थियों के कौशल विकास, उद्यमिता, सामाजिक सरोकारों और नैतिक मूल्यों पर विशेष फोकस रहेगा। विशेषज्ञों द्वारा प्रेरणादायक व्याख्यान और संवाद सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें छात्र-छात्राएं सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
नशा उन्मूलन का दिलवाया जाएगा संकल्प
कुलपति ने बताया कि दीक्षारंभ उत्सव के दौरान विद्यार्थियों को नशा मुक्त समाज की दिशा में अपना योगदान देने हेतु शपथ दिलाई जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि युवा शक्ति यदि नशे से दूर रहे और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो, तो समाज और देश का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है।इस तीन दिवसीय आयोजन में पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा का समन्वय देखने को मिलेगा। वैदिक मंत्रोच्चार से प्रारंभ होकर यह उत्सव विभिन्न नवाचार गतिविधियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और मार्गदर्शन सत्रों के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बनेगा।
प्रशासनिक तैयारियां जोर-शोर से, विद्यार्थियों में उत्साह
डीन, स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. सपना गर्ग न बताया कि आयोजन समिति द्वारा इस दीक्षारंभ उत्सव के शानदार आयोजन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। विश्वविद्यालय परिसर को उत्सव के अनुरूप सजाया जा रहा है। नए विद्यार्थियों में इस आयोजन को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है, जो इस विशेष पहल से जुडऩे को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।