Tuesday, May 7, 2024
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हिसार के निजी अस्पताल में लगी आग, एक मरीज की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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हिसार के एक प्राइवेट अस्पताल में आग लगने से मरीज की जिंदा जलने से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जिस समय हादसा हुआ अमित को बेड पर रस्सियों के साथ बांधा हुआ था, जिसकी वजह से वो वहां से निकल नहीं पाया और उसकी मौत हो गई।

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हिसार। हिसार के परिवर्तन हस्पताल में देर रात एक कमरे में आग लगने से बड़ा हादसा हो गया है। हादसे में अस्पताल में भर्ती के मानसिक बीमारी से जूझ रहे एक व्यक्ति की जलने से मौत हो गई। मृतक इनकम टैक्स अधिकारी बताया जा रहा है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतक के परिजन धरने पर बैठ गए हैं।

उन्होंने कहा कि जिस समय हादसा हुआ उस समय मृतक अमित को बेड पर रस्सियों के साथ बांधा हुआ था, जिसकी वजह से वो वहां से निकल नहीं पाया और वह आग में जिंदा जल गए। साथ ही वहां लगा अग्निशमन यंत्र ही काम नहीं कर रहा था। सूचना मिलने पर डीएसपी विनोद शंकर और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाने के प्रयास किये।

मृतक अमित के परिजन अस्पताल के बाहर बैठे

जानकारी के अनुसार मंगलवार देर रात को डाबड़ा चौक पर स्थित परिवर्तन अस्पताल शॉर्ट सर्किट होने के कारण कमरे में आग गई। इस हादसे में सेक्टर-15 स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले अमित की जिन्दा जलने से मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि अमित इंकम टैक्स विभाग में कंप्यूटर डाटा आपरेटर के पद पर नियुक्त था। वह नशे का आदी था इसलिए वह डिप्रेशन में चला गया था। इसके चलते परिजनों ने अमित को 20 अगस्त को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।

मृतक के बेटे ध्रुव का कहना है कि उसके पिता अमित 2 दिन से अस्पताल में एडमिट थे। उसके पिता को कमरे में बांधा हुआ था। कल शाम को डॉक्टर ने राउंड पर आना था, लेकिन डॉक्टर नहीं आए। इस दौरान वह कमरे से बाहर बैठा था। रात 1 बजे दवाई देने के लिए कर्मचारी कमरे में आया और एकदम से धमाका हुआ जिससे पूरे कमरे में आग लग गई। धमाके की आवाज सुनते ही स्टाफ वाले ऊपर से नीचे आने लगे। उसका पिता बंधे होने के कारण चिल्ला रहा था। आग बुझाने के लिए उसने अग्निशमन यंत्र उठाया, लेकिन वह चला नहीं। इसके बाद उसने सीढ़ियों से पाइप उठाई और पानी डालने के लिए भागा, लेकिन तब तक जलने से उसके पिता की मौत हो गई थी।

धमाके की सूचना मिलने पर डीएसपी विनोद शंकर और फोरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच गयी। फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है। परिजनों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है । अस्पताल संचालक का नशा मुक्ति केंद्र का लाइसेंस 18 जून 2023 को खत्म हो चुका था। परिजनों ने अस्पताल संचालक के खिलाफ कारवाई के लिए धरना दिया है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। आज शव का पोस्टमार्टम होगा।

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