Saturday, May 3, 2025
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मध्यप्रदेश में पराली जलाने से कई इलाकों में घटी उर्वरा शक्ति, सरकार ने उठाए सख्त कदम

Burning of stubble: खेतों में पराली जलाने के मामले में मध्यप्रदेश भारत में नंबर वन है. प्रदेश में लगातार खेतों में पराली जलाने के कारण यहां की मिट्टी की उपजाऊ शक्ति घटने लगी है. कई जगहों पर मिट्टी की उर्वरा शक्ति 44 प्रतिशत तक घट चुकी है. यह जानकारी प्रेश में खेतों की मिट्टी से लिए गए सैंपल की जांचों से सामने आयी है.

Burning of stubble:  राज्य में नया नियम लागू 

कृषि मंत्रालय इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर रहा है. सीएम मोहन यादव ने प्रदेश में 1 मई से नया नियम लागू किया है. जिसके मुताबिक नरवाई जलाई तो सीएम किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा और साथ ही साथ ऐसे किसानों से फसल भी नहीं खरीदी जाएगी.

मिट्टी के सैंपलों की जांच में सामने आयी जानकारी 

मध्यप्रदेश के 52 जिलों से मिट्टी के सैंपलों की जांच की गई थी जिसमें ये जानकारी सामने आयी थी. लगातार पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी आ रही है. जांच में सामने आया है कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति में 20 से 44 प्रतिशत की कमी हुई है.

मध्यप्रदेश के ये जिले प्रभावित 

पराली जलाने के मामले में विदिशा, सीहोर, उज्जैन, नर्मदापुरम, रायसेन जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, बताया जा रहा है कि इस साल इन जिलों में सबसे ज्यादा नरवाई जलाई गई है. इसलिए यहां नुकसान भी अधिक हुआ है.

पराली जलाने पर क्यों मजबूर हैं किसान 

नर्मदापुरम जिले में केसला गांव के राजेश काजले के पास 1 एकड़ की छोटी सी जोत है. वे  बताते हैं कि धान की पराली जलाना उनकी मजबूरी है. उन्होंने कहा कि कई बार पराली की वजह से मवेशी भी जल जाते हैं लेकिन उनके पास दूसरा कोई तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पराली जलाने से नुकसान हैं लेकिन इनके पास कोई दूसरा तरीका नहीं है.  राजेश काजले ने कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण होता है तो हमें भी परेशानी होती है. हार्वेस्टर वाले आते हैं तो फिर वे नीचे से नहीं काटते हैं. पहले हम हाथ से काटते थे तो कम प्रदूषण होता था.

 

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