Sunday, May 19, 2024
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किसान आंदोलन: हमें आंदोलन का शौक नहीं, कमेटी बनाकर मामला लटका रही है सरकार

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चंडीगढ़। किसान आंदोलन: किसानों और केंद्र सरकार के बीच सोमवार को चंडीगढ़ में आधी रात तक चली बैठक बेनतीजा रहने के बाद पंजाब-हरियाणा के किसानों ने आज दिल्ली कूच करना शुरू कर दिया है। किसान आंदोलन पर अड़े किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के ऐलान को देखते हुए दिल्ली और हरियाणा में धारा-144 लागू कर दी गई है। दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं सिंघु, टीकरी, गाजीपुर में लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड लगाए गए हैं। कंटीले तार, कंटेनर और डंपर लगाकर भी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा कारणों से दिल्ली में दो मेट्रो स्टेशनों के गेट भी बंद कर दिए गए हैं।

सरकार से बातचीत के बाद क्या बोले किसान नेता?

केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बैठक पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा, ‘काफी देर तक बैठक चली, हर मांग पर चर्चा हुई लेकिन ये मांगें नहीं थीं, यह अलग-अलग समय पर सरकार की ओर से की गई प्रतिबद्धताएं थीं।’ किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है, वे बस समय निकालना चाहते हैं। हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकले लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं।’

हम अन्न उगाते हैं, सरकार कील उगा रही

किसान नेता ने सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार सिर्फ कमेटी बनाने की बात करती है। किसान संगठन का कहना है कि सरकार कमेटी बनाकर मामले को लटकाने की कोशिश कर रही है। किसानों का कहना है कि हम बातचीत से मुद्दा सुलझाना चाहते हैं। किसान नेता ने कहा कि हमने कोई रास्ता जाम नहीं किया है। सरकार ने रास्ते रोके हैं। पंढेर ने कहा कि हम अन्न उगाते हैं, सरकार कील उगा रही है। किसान संगठनों ने कहा कि हमारे ट्विटर हैंडल को बंद कर दिया है। किसानों का पासपोर्ट रद्द करने की धमकी दी गई। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि सरकार किसानों और मजदूरों का कर्ज खत्म करने पर भी कोई भरोसा नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला है। किसान संगठनों का कहना है कि हमारी तरफ से शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार गोली मारेगी तब भी हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

किसान नेताओं का आरोप

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने मीडिया से कहा कि उनकी मुख्य तीन मांगें- एमएसपी की गारंटी, किसानों के कर्ज माफ करने और 60 से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन देने पर सहमति नहीं बन सकी। किसान बातचीत के लिए तैयार हैं और केंद्र सरकार जब भी बातचीत के लिए बुलाएगी, हम जरूर जाएंगे। केंद्र सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है और वह केवल समय गुजारना चाहती है। हमने पूरी कोशिश की और मंत्रियों से लंबी बातचीत की लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल सका। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि मंगलवार सुबह 10 बजे तक हम सरकार के जवाब का इंतजार करेंगे, उसके बाद दिल्ली कूच होगा।

दिल्ली-हरियाणा हाई अलर्ट पर

पंजाब से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के काफिलों में किसान पहले ही दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। इससे दिल्ली से हरियाणा तक पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। हरियाणा के अधिकारियों ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा की कंक्रीट के बैरिकेड, लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है। हरियाणा सरकार ने पुलिस अर्द्धसैनिक बलों 114 कंपनिया तैनात की हैं। 15 जिलों में धारा 144 लागू है, साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध है।

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