Friday, May 17, 2024
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किसान आंदोलन : शुभकरण सिंह का 6 दिन बाद भी नहीं हुआ पोस्टमार्टम, जानिये वजह

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चंडीगढ़। किसान 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर डटे हैं। किसानों को शंभू बॉर्डर से हरियाणा में दाखिल नहीं होने दिया गया है। इसके बाद किसान संगठनों ने पिछले दिनों दिल्ली कूच को 29 फरवरी तक के लिए टाल दिया था। आज किसान संगठन दोबारा से बैठक करके दिल्ली कूच पर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। वहीं, शाम को केंद्र और किसानों के बीच पांचवें दौर की बातचीत भी चंडीगढ़ में हो सकती है।

इस बैठक में शुभकरण सिंह के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार पर भी बातचीत संभव है। दरअसल, किसान संगठनों की मांग है कि शुभकरण सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। बता दें कि यह मांग अधूरी है, लिहाजा शुभकरण सिंह के शव का छठे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं हो सका है।

अस्पताल के बाहर किसानों का कड़ा पहरा

जानकारी के मुताबिक शुभकरण सिंह का शव पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रखा हुआ। राजिंदरा अस्पताल में इस समय करीब 100 किसान पहरे पर बैठे हैं। किसानों का कहना है कि 4 से 5 किसान अस्पताल के बाहर रहेंगे, बाकी किसान ट्रॉलियों में मोर्चा लगाए बैठे हैं। किसानों को डर है कि कहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेड़छाड़ न हो सके, इसलिए अस्पताल में मोर्चा लगाया गया है। किसानों के आक्रामक रूख को देखते हुए पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स भी खौफ में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर के हवाले से बताया था कि किसानों को समझाया गया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट की वीडियोग्राफी कराई जाएगी, लेकिन किसान नहीं माने हैं। यही वजह है कि शुभकरण के शव का डिटेल्ड पोस्टमार्टम नहीं हो पाया है।

आज किसानों की होगी बैठक

इस बीच आज 27 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की अलग-अलग बैठक होगी। इस बैठक में किसान नेता आंदोलन को आगे बढ़ाने के बारे में विचार करेंगे और रणनीति तय करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद किसान नेता दिल्ली कूच पर अपना फैसला सुना सकते हैं। बीते दिन 26 फरवरी को किसानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। इसमें खाप पंचायते भी समर्थन करती दिखाई दी। इस दौरान किसानों ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। सरकार को उनकी मांग को मान लेनी चाहिए। इसके साथ ही किसान नेताओं ने सरकार के मांग न मानने पर चेतावनी भी दी।

एक और किसान की मौत

इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि खरौनी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक धरने के दौरान आज मंगलवार को पटियाला के रहने वाले करनैल सिंह (50) की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उनकी मौत हो गई। 15 दिन से चल रहे आंदोलन के दौरान ये 8वीं मौत है। इसमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि केंद्र और पंजाब के कुछ अफसर कह रहे हैं कि हरियाणा पुलिस पर FIR को लेकर केंद्र-किसानों की वार्ता टूटी है। मगर, ऐसा नहीं है। बातचीत कॉन्ट्रैक्ट बेस खेती के प्रस्ताव से टूटी है, हम MSP गारंटी कानून मांग रहे हैं।

आम लोगों को मिली राहत

इस बीच किसानों के दिल्ली कूच टालने के ऐलान के बाद से आम लोगों को राहत मिली शुरु हो गई है। दरअसल, किसानों के दिल्ली कूच टालने के बाद हरियाणा में सड़कें खुलनी शुरू हो गई हैं। पहले दिल्ली पुलिस ने हरियाणा से सटे सिंघु और टिकरी बॉर्डर को अस्थाई रूप से खोल दिया। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से चंडीगढ़ जाने के लिए कुरूक्षेत्र में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे की सर्विस रोड खोल दी है। यहां लगाई सीमेंट की बैरिकेडिंग को हटा दिया गया है। जो कि आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है।

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