Friday, November 22, 2024
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किसान आंदोलन : डल्लेवाल ने रखी नई शर्त, शुभकरण मौत मामले में FIR होने के बाद ही होगी केंद्र से बात

चंडीगढ़। किसान आंदोलन : फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसान अब पांचवें दौर की बैठक तब करेंगे, जब पंजाब पुलिस युवा किसान शुभकरण की मौत मामले में केस दर्ज करेगी। यह दावा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किया है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हो सकता है कि किसान संगठन दिल्ली कूच न करके कोई बड़ा कदम उठाएं। यह कदम पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ हो सकता है।

पंजाब और हरियाणा सीमा पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। अब केंद्र के सामने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एक नई शर्त रख दी है। उन्होंने कहा कि खनौरी सीमा पर जान गंवाने वाले किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले में जब तक केस दर्ज नहीं किया जाता है तब तक किसान केंद्र से बात नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हो सकता है कि किसान संगठन दिल्ली कूच न करके कोई बड़ा कदम उठाएं। यह कदम पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ हो सकता है। वहीं, दातासिंह वाला बॉर्डर पर मंगलवार को फिर एक किसान की मौत हो गई।

किसान आंदोलन के 15वें दिन पटियाला के रहने वाले 60 वर्षीय करनैल सिंह की तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि इससे पहले भी आंदोलन के कारण आठ लोग जान गंवा चुके हैं। दूसरी ओर हरियाणा सरकार ने अंबाला में दो दिन के लिए इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है।

किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने बताया किसान प्रीतपाल सिंह के साथ हरियाणा पुलिस ने मारपीट कर उस पर मामला दर्ज किया है। शुभकरण की मौत पर अब तक सरकार ने एफआईआर दर्ज नहीं की है, ऐसे में अगले दौर की बैठक नहीं होगी। मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के संयुक्त फोरम के बीच हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। डल्लेवाल ने कहा कि बुधवार को सभी फोरम एक बार फिर इकट्ठे होकर अगली रणनीति तैयार करेंगे। दिल्ली कूच पर 29 फरवरी की सुबह ही फैसला लिया जाएगा।

शांति मार्च निकालकर किया प्रदर्शन

किसानों ने दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति मार्च निकाला। किसान नेताओं ने कहा कि वे लोग शांति चाहते हैं। शांति के माध्यम से अपनी मांग सरकार से मनवाना चाहते हैं। जब तक सरकार लिखित में मांग पूरी नहीं करती तब तक आंदोलन चलता रहेगा। अगर सरकार उनको शांति से दिल्ली जाने देगी तो ठीक है, नहीं तो वह दिल्ली जाने के लिए कोई अन्य रणनीति बनाकर हर हाल में दिल्ली कूच करेंगे।

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