Wednesday, December 11, 2024
Homeपंजाबपंजाब सरकार के साथ बैठक के बाद किसानों का बड़ा ऐलान, जाम...

पंजाब सरकार के साथ बैठक के बाद किसानों का बड़ा ऐलान, जाम खोला, जारी रहेगा आंदोलन

पंजाब, धान खरीद को लेकर किसान मजदूर मोर्चा और एसकेएम (गैर राजनीतिक) के 5 धरने के चलते रविवार को पंजाब सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक हुई, जिसके बाद जाम खोलने का फैसला लिया गया, जबकि आंदोलन जारी रहेगा यह है। पंजाब में धान खरीद में चल रही कठिनाइयों के समाधान के लिए किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में संगरूर के बदरूख, मोगा के डाबरू, कपूरथला के फगवाड़ा, गुरदासपुर के सठयाली, बठिंडा के जस्सी चौक फगवाड़ा में कल मुख्य सड़कों को अनिश्चित काल के लिए जाम कर शुरू किए गए धरने प्रदर्शन के मद्देनजर पंजाब सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री कटारूचक और गुरमीत सिंह खुडियां ने संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की।

इस मौके पर वरिष्ठ नेता सरवन सिंह पंधेर और मंजीत सिंह राय ने मीडिया के माध्यम से बताया कि धान की फसल की खरीद पर संकट है, जिसके चलते दोनों मंच संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को संगठनों ने पुरजोर तरीके से उठाया और सरकार ने माना कि मंडियों में नमी की शर्त पूरी करने के बाद भी कम दर पर बेची गई फसल पर लगाए गए अवैध कट का मुआवजा सरकार लेगी। विपणक और यह मामला नहीं है, ऐसी परिस्थितियों में, उचित कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य मंडी बोर्ड ने कहा कि 140 लाख मीट्रिक टन धान के लिए 3850 शेलरों के साथ समझौता किया गया है और जिनमें से 2900 चालू हैं और नेताओं ने मांग की कि समझौते को एक समाचार पत्र प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक किया जाए, जिस पर सरकार सहमत हो गई सरकार की ओर से बताया गया कि 40 लाख मीट्रिक टन के लिए आरओ की व्यवस्था की जा रही है।

पंजाब और चंडीगढ़ में आज बढ़ी ठंड, अमृतसर का AQI पहुंचा 260

किसान नेताओं ने मांग की कि पंजाब सरकार ने इन मंत्रियों के माध्यम से स्वीकार किया कि आज तक 19 लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग हो चुकी है, जिस पर किसान नेताओं ने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 49 लाख टन धान आज मंडियों में पहुंच चुका है। जिसमें से 30 लाख टन धान बिक चुका है, जिसके कारण मंडियां बंद हैं। किसान नेताओं ने कहा कि धान के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में हुई बातचीत को सार्वजनिक किया जाए। किसान नेताओं की ओर से मांग रखी गई कि किसानों का पूरा धान खरीद होने तक बाजार खुला रखा जाए, सरकार ने यह मांग मान ली।

गेहूं की बुआई के लिए डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए नेताओं को तैयारी करनी चाहिए, जिस पर सरकार ने कहा कि सहकारी समितियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सामान्य किसान अपना आधार कार्ड दिखाकर नकद डीएपी प्राप्त कर सकता है। इसके बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन और 1-2 दिन में स्थिति में सुधार होने के आश्वासन के बाद संगठनों ने सड़क जाम खोलने का फैसला किया है, लेकिन सड़क किनारे धरना जारी रहेगा और आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो फिर से कठोर कार्रवाई की जायेगी।

इस मौके पर दिलबाग सिंह हरिगढ़, गुरिंदर सिंह भंगू, सविंदर सिंह चुटाला, जसबीर सिंह सिधूपुर, सतनाम सिंह बाहरू, सतनाम सिंह साहनी, सुखजिंदर सिंह खोसा, हरप्रीत सिंह सिधवां, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, जर्मनजीत सिंह बंडाला, हरसुलिंदर सिंह ढिल्लों, सुरजीत सिंह फूल, बलदेव सिंह जीरा, बलवंत सिंह बेहरामके, रणजीत सिंह कलेर बाला, सुखपाल सिंह डफर, अमरजीत सिंह राड़ा, कंवरदलिप सैदोलेहल और हजारों खेत मजदूर और महिलाएं मौजूद थीं।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular