Friday, May 17, 2024
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रोहतक में ट्रैक्टरों पर सवार होकर पहुंचे 6 गांवों के किसान, जानिए क्या थी वजह

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सोनीपत से रोहतक प्रस्तावित ड्रेन को लेकर किसानों ने रोहतक डीसी को दी चेतावनी , जल्दी कारवाई नहीं कि तो उठाएंगे बड़ा कदम

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रोहतक। रोहतक में बुधवार शाम को 6 गांवों के किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर डीसी ऑफिस पहुंचे। वजह थी सोनीपत के गांव रूखी से रोहतक के गांव जसिया तक प्रशासन द्वारा नई ड्रेन के निर्माण, जिसका आस पास के किसान विरोध कर रहे हैं। इसके लिए टैक्टर ट्राली पर जसिया, सांघी व घिलौड समेत छह गांव के किसान रोहतक डीसी से मुलाकात करने पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि इस ड्रेन के बनने से यहां लगते गांवों के खेत व बस्ती डूब जाएंगे। किसानों ने ड्रेन का काम बंद कराने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने इसको लेकर कोई कारवाई नहीं कि तो वे बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

दरअसल बारिश के पानी की निकासी के लिए प्रशासन द्वारा रुखी गांव से लेकर जसिया तक नई ड्रेन का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके चलते सोनीपत के साथ लगते गांव के खेतों की जलनिकासी के लिए यह काम करवाया जा रहा है। इसके लिए बुधवार को जसिया, सांघी व घिलौड समेत छह गांवों के लोगों ने सीटीएम मुकुल से मुलाकात कर ड्रेन का काम बंद कराने की अपील की। इस दौरान जसिया, काहनी, घिलौड़ कलां एवं घिलौड़ खुर्द, ब्राह्मणवास, सांघी, चमारिया, बसंतपुर के सैकड़ों ग्रामीण मौके पर मौजूद रहे।

जसिया के सरपंच ओमप्रकाश हुड्डा ने बताया कि प्रशासन गांव रुखी से नई ड्रेन की खोदाई करके बारिश के पानी को निकालने की योजना बना रहा है। अगर ऐसा हुआ तो सभी गांव के खेतों और बस्तियों में जलभराव से ग्रामीणों को जान-माल का नुकसान होगा। अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

जून के अंत में बारिश से गांव जसिया, काहनी, घिलौड़ कलां एवं घिलौड़ खुर्द, ब्राह्मणवास, सांघी, चमारिया, बसंतपुर आदि के नजदीक लगते सोनीपत जिले के गांव रुखी के खेतों में व घरों में पानी इकट्ठा हो गया था। गांव रुखी के किसानों ने मिलकर योजना बनाई कि जो काफी साल पहले एक ड्रेन सरकार ने जमीन एक्वायर की थी, प्रशासन से मिलकर उसी जमीन में नई ड्रेन खोदाई करके गांव रुखी के बाढ़ के पानी को गांव घिलौड़ खुर्द व घिलौड़ कलां के रास्ते जसिया में डाला जाए ताकि अन्य गांवों के पानी की निकासी को लेकर कोई समस्या न आए।

जैसे ही ग्रामीणों का इसका पता चला तो सभी गांव की किसानों ने मिलकर इसका विरोध किया। ग्रामीणों ने प्रशासन को और उपायुक्त को मामले से अवगत करवाया। उस समय तुरंत एसडीएम को स्थिति का जायजा लेने के लिए भेजा था।

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