गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक। शहर से दुग्ध डेयरियों को बाहर निकालने का मामला बिल्कुल ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। नगर निगम द्वारा बोहर व गढ़ी बोहर की खाली पड़ी 15 एकड़ जमीन में डेयरी कॉम्प्लैक्स बनाने का प्रस्ताव हाउस की मीटिंग के एजेंडे में शामिल करने का एरिया के पार्षद ने विरोध भी किया था। करीब 18 साल से प्रशासन डेयरियों को करोड़ खर्च करके शहर से बाहर शिफ्ट करने का प्रयास कर रहा है लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा है। ऐसे में डेयरियों से निकलने वाला कचरा सीवर की समस्या के समाधान में अडंगा बना हुआ है।
बता दें कि निगम की एलओ ब्रांच की तरफ से प्रस्ताव दिया गया है कि 8 मई 2019 को शहरी निकाय विभाग के निदेशक ने पत्र भेजा है कि निगम अपने स्तर पर 15 एकड़ जमीन में डेयरी कॉम्प्लैक्स का निर्माण करे। इसके लिए बोहर व गढ़ी बोहर गांव में निगम की 15 एकड़ जमीन खाली है। निगम का दूसरा डेयरी कॉम्प्लैक्स 37 एकड़ 2 कनाल 16 मरले में पहले से चल रहा है। वहीं, दुर्गा भवन के पीछे डेयरियों की मार्केटिंग के लिए 88 प्लांट, बायोगैस संयंत्र, स्ट्रीट लाइट, गली व सड़क निर्माण और पशु अस्पताल दिया जाना है। प्रोजेक्ट पर 24 करोड़ 86 लाख रुपये की लागत आएगी।
डेयरिया शहर से बाहर नहीं जाएगी तो सीवर की समस्या और ज्यादा पनपेगी
बता दें कि जब तक शहर के बीच में दुध डेयरियां चलती रहेगी, तब तक शहर में सीवर की समस्या से निजात नहीं मिल सकती है। इसके लिए निगम प्रसास भी कर चुका है, लेकिन कोई ने कोई अड़चन इस मामले में जरूर आती है। शहर में रोजाना 50 से ज्यादा समस्या सीवर से संबंधित आती है, लेकिन डेयरियों से निकलने वाले कचरे के कारण आमजन ही नहीं व्यापारी भी काफी परेशान है।
जमीनी पानी खारा होने, सीवरेज सिस्टम नहीं होने से फेल हुआ कन्हेली प्रोजेक्ट
2004 में चौटाला सरकार ने कन्हेली रोड पर करोड़ों रुपये की लागत से डेयरी कॉम्प्लैक्स बनाया था, जहां 300 से ज्यादा प्लाट काटे गए थे। डेढ़ दशक बाद भी पूरे प्लाट अलॉट नहीं हो पाए हैं। क्योंकि जमीन का पानी खारा है। नगर निगम सप्लाई के पानी और सीवरेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं कर सका है। इस कारण 150 के करीब डेयरी संचालकों का कहना है कि उनकी भैंसों का रंग काला से भूरा तक हो गया। न यहां पर पशु अस्पताल बन सका। नगर निगम प्रशासन के चाहिए कि करोड़ों रुपये नए डेयरी कॉम्प्लैक्स पर खर्च करने के साथ-साथ पुराने कांप्लैक्स की भी सुध ले।
डेयरियों के लिए दूसरी जगह देखी जाए
बोहर गांव नगर निगम के अंतर्गत आने के चलते 15 एकड़ जमीन निगम के पास चली गई है, लेकिन ग्रामीण चाहते हैं कि यहां पर स्टेडियम व पार्क बनवाया जाए। शहर की डेयरियों के लिए दूसरी जगह देखी जाए। हाउस की मीटिंग में इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध भी हो चुका है। – जयभगवान ठेकेदार, पार्षद वार्ड नंबर 9