Friday, November 22, 2024
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हरियाणा में कोचिंग सेंटर्स में नाबालिग स्टूडेंट्स की एंट्री बंद, 10वीं तक के छात्रों को नहीं मिलेगा दाखिला

भिवानी। हरियाणा में कोचिंग सेंटर्स में 16 साल तक के स्टूडेंट्स की एंट्री बंद करवाने की मांग की गई है। भिवानी में हरियाणा प्राईवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा एक प्रदेश स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा प्राईवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 16 साल से कम के विद्यार्थियों को कोचिंग सैंटरों व शिक्षण अकेडमियों में दाखिला नहीं दिलवाए जाने के फैसले का हरियाणा प्राईवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने स्वागत किया है।

एसोसिएशन ने यह निर्णय भी लिया है कि हर जिला में शिक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्र सरकार के इस फैसले की अनुपालना के लिए उनकी एसोसिएशन कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी। क्योंकि किसी भी बच्चें का सर्वांगीण विकास स्कूल में होता है ना कि कोचिंग सैंटर या अकादमी में, जिसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्कूल क्या योगदान दे सकते है, इस पर चर्चा की गई।

एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्राईवेट अकादमी व कोचिंग सैंटर बेवजह की प्रतिस्पर्धा का निर्माण कर कम आयु के बच्चों के मानसिक विकास को बाधित करने का कार्य करते है। जिसके चलते केंद्र सरकार को ऐसा नियम बनाना पड़ा। ऐसे में अब शिक्षा विभाग हरियाणा व शिक्षा अधिकारियों का दायित्व बनता है कि इस नियम का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित कर 16 साल से कम आयु के बच्चों का कोचिंग सैंटर व शिक्षण अकादमियों में दाखिला रोका जाए। बच्चों को स्कूल, जहां खेल व प्रैक्ट्किल की गतिविधियां शामिल हो, दाखिले की व्यवस्था की जाए। उनकी एसोसिएशन अभिभावकों के बीच जाकर भी उन्हे केंद्र सरकार के नए नियम को लेकर जागरुक करने का काम करेगी।

इस मौके पर प्राईवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ने राज्य सरकार व शिक्षा विभाग से यह मांग भी की कि शिक्षा नियमावली 134ए के तहत प्रदेश के 12 लाख के लगभग स्कूलों का 800 करोड़ के लगभगी रुपये 8 साल से शिक्षा विभाग में पैंडिंग है, जो इन स्कूलों को आबंटित किया जाना चाहिए। उसे जल्द से जल्द आवंटित करने का कार्य शिक्षा विभाग करें, जिससे कि बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।

वही उन्होंने शिक्षा विभाग से स्कूल बसों के पैसेंजर टैक्स को भी खत्म किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चें पैसेंजर नहीं है, वे विद्यार्थी है। ऐसे में उन पर टैक्स लगाए जाने से स्कूली शिक्षा महंगी होगी, जिसका प्रभाव शिक्षा पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसको लेकर शिक्षा मंत्री के साथ भी मीटिंग की जा चुकी है। उन्हे उम्मीद है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द उनकी जायज मांगों पर विचार कर राहत देगी।

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