हिसार। हरियाणा में आज बुधवार को सुबह से ही मौसम का मिजाज बदल गया है। बुधवार सुबह से प्रदेश के कई जिलों में बादल छाए हैं। मौसम विभाग ने प्रदेश में खराब मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राज्य के छह जिलों में बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना हैं। इस बीच रोहतक में मौसम ने करवट ले ली है। यहां बूंदाबांदी शुरु हो गई है। आसमान में बादल छाए हैं। इस दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलने का पूर्वानुमान है। 31 जनवरी से 4 फरवरी तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। एक और दो फरवरी को घना कोहरा छाने का भी अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग का कहना है कि 3 फरवरी से पहले प्रदेश में ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है और ऐसे में मौसम खराब रहेगा। मौसम विभाग ने हरियाणा के अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल और यमुनानगर को अलर्ट मोड पर रखा गया है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। प्रदेश के बाकि जिलों में भी मौसम खराब होने की संभावना है।
रोहतक के आसपास के जिलों में हल्की बारिश
रोहतक में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस हैI महेंद्रगढ़ जिले में भी घना कोहरा छाया रहा। नारनौल में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन आसपास के जिलों में हल्की बारिश हुई है। रेवाड़ी में 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया हालांकि घना कोहरा छाया रहा। जींद और झज्जर में न्यूनतम तापमान 12 डिग्री और अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस है। सिरसा सिरसा क्षेत्र में सुबह हल्की बारिश हुई है। जिसके चलते धूप निकलने के आसार बने हैं। हालांकि बदलवाई होने के कारण मौसम में ठंडक बनी हुई है।
तापमान में बढ़ोेतरी दर्ज
बादल छाए रहने के कारण रात के तापमान में हल्की बढ़ोत्तरी देखी गई है। हालांकि, बारिश के बाद तापमान गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके बाद मौसम में बदलाव के बाद तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मंगलवार को हरियाणा हिसार में रात का तापमान 9.7 डिग्री तक लुढ़क गया था। इसी तरह भिवानी में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री, फतेहाबाद का 9.7 डिग्री और सिरसा का न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री रहा। आज सुबह प्रदेश के कई जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है, बारिश की बूंदों की तरह ओस टपक रही है। आसमान से बरस रही सफेद आफत का आलम यह है कि आज बुधवार की अलसुबह विजिबिलिटी 10 मीटर दर्ज की गई।
कोहरे की आफत
हरियाणा के कई जिलों में कोहरे का असर देखने को मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक बीते दिन शाम से ही घना कोहरा छाया शुरू हो गया था। दिन में दृश्यता करीब 50 से 60 मीटर के बीच रही। बादल छाने के कारण रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। सोनीपत सहित अन्य इलाकों में कोहरा और धुंध देखने को मिल रही है। अंबाला के अलावा, बहादुरगढ़ में घना कोहरा और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बहादुरगढ़ में विजिबिलिटी महज 10 मीटर करीब है। चालकों को वाहन चलाने में परेशानी आ रही है। साथ ही स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। बहादुरगढ़ में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और साथ ही 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है।
बारिश के साथ फरवरी शुरुआत
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने 31 जनवरी यानी आज से मौसम के खराब होने की पहले से ही संभावना जताई है। इसके अलावा फरवरी के शुरुआत में दो दिन यानी 1 से 2 फरवरी के बीच अच्छी बारिश के आसार हैं। यह बदलाव राज्य में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आएगा। हालांकि इस बीच मौसम वैज्ञानिकों ने सर्दी को लेकर राहत की खबर दी है। विभाग का कहना है कि अब कड़ाके की सर्दी के दिन दूर जाने वाले हैं। बारिश के बाद मौसम साफ होगा। हालांकि अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल व दो तीन अन्य जिलों के लोगों को अभी कोहरे से राहत नहीं मिलने वाली है।
बारिश के बाद साफ होगा मौसम
प्रदेश के सभी जिलों में अत्यधिक ठंडे दिन की स्थिति नहीं आएगी। बीते दिन मंगलवार को भी कई इलाकों में अच्छी धूप खिली। हालांकि महेंद्रगढ़ को छोड़कर लगभग सभी जिलों में दिन का तापमान 20 डिग्री से कम दर्ज किया गया है। रात के पारे में कोई बदलाव नहीं है। सभी जिलों में न्यूनतम तापमान सात डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, बारिश के बाद मौसम साफ होने की संभावना है।
किसानों के खिले चेहरे
मौसम ने किसानों के चेहरे पर खुशी की इबारत लिख दी है। गेंहू की फसल के लिए यह मौसम काफी मुफीद माना जाता है। ठंड बढऩे से किसान अच्छी पैदावार की उम्मीद जता रहे हैं। खेती के जानकारों का भी कहना है कि ठंड बढ़ने से गेहूं के अलावा अन्य फसलों को भी लाभ होगा और हल्की बूंदाबांदी होती है, तो भी फसलों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। किसान बताते हैं कि तेज बारिश न हो तो सर्दी का मौसम रबी की तमाम फसलों के लिए अच्छा होता है। इस महीने ऐसा ही मौसम रहा तो अच्छी पैदावार होगी। हल्की बूंदाबांदी हुई तो सिंचाई की जरूरत नहीं होती। किसानों को लागत कम आएगी।