Wednesday, May 1, 2024
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मेंटल हेल्थ की बैंड-बजा सकते हैं घर के कलेश, ऐसे निपटें इस स्थिति से

घरेलू कलह किसी भी वजह से हो सकती है। कभी-कभी इसमें आपका कोई रोल नहीं होता, इसके बावजूद इन विवादों से होने वाले तनाव से बच नहीं पाते। अपनी मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है इन्हें स्मार्टली डील करना।

नई दिल्ली। मेंटल हेल्थ जिसकी बैंड सबसे ज्यादा अगर कोई बजा सकता है तो वो है घर का क्लेश। पति- पत्नी में ही नहीं परिवार में भी छोटे- मोटे झगड़े होना आम बात है, खासतौर से अगर आप ज्वॉइंट फैमिली में रहते हैं। क्लेश की वजह से बेहद करीबी लोग भी एक दूसरे से दूर हो जाते हैं। इसका हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। परिवारिक विवाद बच्चों के मानसिक विकास में रूकावट डालने के साथ-साथ घर के बड़ों के लिए भी बेहद नकारात्मक रूप से कार्य करता है। लेकिन जब ये झगड़े रोजाना का रूटीन बन जाएं और इससे आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित होने लगे तो इस ओर ध्यान देना जरूरी है। वरना ये आपको डिप्रेशन का भी शिकार बना सकता है। कैसे निपटें इस सिचुएशन से। जानेंगे आज।

यदि आप भी पारिवारिक विवाद से परेशान रहती हैं और यह आपके निजी कार्यों में बाधा बन रहा है, तो आपको इस विषय पर चिंतन करने की जगह खुद को इससे बाहर निकालने के उपायों पर विचार करने की आवश्यकता है।

अपनी भावनाओं को दें प्राथमिकता

यदि आपके घर में लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा है और परिवार के सदस्यों को डील करना आपके लिए मुश्किल होता जा रहा है, तो इस स्थिति में खुद के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने की जगह अपनी भावनाओं को प्राथमिकता देना सीखें। समझे की कौन सी स्थिति आपको तनाव दे रही है और आप किस क्षमता तथा चीजों को बर्दाश्त कर सकती हैं। यदि बात अधिक बिगड़ती जा रही है तो इस स्थिति में खुद को प्राथमिकता दें। इन मामलों से खुद को कुछ समय के लिए दूर कर ले, जब मन शांत हो तो शांति से लोगों से बातचीत करें और मसले का हल निकालने की कोशिश करें। इसके अलावा तनाव महसूस होने पर डीप ब्रीडिंग और अन्य रिलैक्सिंग टेक्निक अपना सकती हैं। इसके अलावा खुद को व्यस्त रखने का प्रयास करें। यह मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने का एक सबसे अच्छा तरीका है।

कुछ चीज़ों को वक्त के भरोसे छोड़ दें

अगर आपका घर अखाड़ा बन चुका है। जहां एक पल भी बिताना आपके लिए मुश्किल हो रहा है, साथ ही आपकी मेंटल हेल्थ बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, तो वहां सबकुछ छोड़कर अपने हेल्थ पर फोकस करें। इन चीज़ों से दूर रहें जो आपका तनाव बढ़ाने का काम कर रही हैं। दिमाग को स्ट्रेस फ्री रखने के लिेए मेडिटेशन की प्रैक्टिस करें। कलेश को तुरंत का तुरंत निपटाने की जगह कई बार वक्त के हवाले कर देना सही होता है। कुछ चीज़ें वक्त के साथ सॉल्व हो जाती हैं। इन्हें लेकर बहुत ज्यादा परेशान न हों। गुस्सा न करें क्योंकि इससे आपका ही ब्लड प्रेशर बढ़ेगा। साथ ही मानसिक सेहत भी बिगड़ेगी।

हर वक्त चीजों को सुलझाने की कोशिश न करें

यदि आप हर वक्त परिवार में चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश करती रहती हैं तो इसका आपके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सभी अपने जीवन के फैसले खुद करते हैं और सभी को इसका पूर्ण अधिकार होता है, तो हर स्थिति में आपको चीजों को सुलझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। कुछ चीजें समय के साथ खुद ठीक हो जाती हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी चीजों को सही करने का मौका देना चाहिए। हमेशा सलाह देने और किसी काम को करने के लिए लोगों पर दबाव बनाने से आपकी मानसिक स्थिति भी खराब होती है।

एक्सपेक्टेशन रखने की जगह चीजों को एक्सेप्ट करें

खुद को मानसिक रूप से शांत रखने के लिए परिवार के सदस्यों से बेवजह की उम्मीद रखने से बेहतर है, चीजों को एक्सेप्ट करना। जरूरी नहीं है कि परिवार के सभी सदस्य आपके विचार से सहमत हों, ऐसे में चल रहे परिवारिक विवाद के बीच अपनी बात को मनवाने के लिए विवाद को बढ़ावा न दें। दूसरों के विचारों को समझें और उसे अपनाएं। ऐसा करने से लोग आपकी लिए गए निर्णय को भी वैल्यू करेंगे और परिवार में नोकझोंक भी कम होगी।

विवादित बातों पर चर्चा न करें

यदि आपके घर में फाइनेंसियल मुद्दों को लेकर बात विवाद चल रहा है या किसी प्रकार के रिलीजियस मुद्दे पर, तो इस स्थिति में विवादित मुद्दों पर बार-बार चर्चा न करें। क्योंकि ऐसा करने से घरेलू मतभेद अधिक बढ़ सकता है, जिससे केवल दूसरे लोग परेशान नहीं होंगे बल्कि यह आपको भी पूरी तरह से डिस्टर्ब कर देगा। ऐसे में जब घर में शांति बनी हो तो शांति को मेंटेन रखने की कोशिश करें। लोगों से सकारात्मक बातों पर चर्चा करें और उन्हें घर की और घर के लोगों की अच्छाई बताएं। ऐसा करने से हो सकता है कि विवाद कम हो।

वर्तमान पर ध्यान दें

कई बार पारिवारिक विवाद में हम वर्तमान की स्थिति को छोड़ पुरानी विवादित बातों पर चर्चा करना शुरू कर देते हैं। जिसकी वजह से परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है। इस स्थिति में पुरानी बातों पर चर्चा करने से जितना बच सकती हैं उतना बचें, वर्तमान में चल रही स्थिति को सुलझाने का प्रयास करें।

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