Monday, May 6, 2024
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बॉडी बनाने के लिए करते हैं जिम सप्लीमेंट का इस्तेमाल? तो पहले पढ़ लीजिये ये खबर

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अंबाला कैंट स्थित डिफेंस कॉलोनी में पुलिस ने फैक्ट्री से 1.12 लाख से ज्यादा गोलियां बरामद की हैं और करीब एक हजार इंजेक्शन मिले हैं उनका प्रयोग युवा वर्ग के लिए ही किया जाता है।

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अंबाला। बॉडी बनाने के शौकीन युवा जिम सप्लीमेंट का इस्तेमाल अक्सर करते ही हैं, ऐसे में नकली सप्लीमेंट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है जो युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रही थी। युवाओं को बॉडी मेकिंग की झांसा देकर उन्हें नकली दवाएं दी जा रही थीं। अंबाला कैंट स्थित डिफेंस कॉलोनी में पुलिस ने फैक्ट्री से 1.12 लाख से ज्यादा गोलियां बरामद की हैं और करीब एक हजार इंजेक्शन मिले हैं उनका प्रयोग युवा वर्ग के लिए ही किया जाता है। हालांकि इनमें से कुछ इंजेक्शन और गोलियां चिकित्सक भी अलग-अलग मरीजों के उपचार के लिए करते हैं लेकिन जिम संचालक ही इनका ज्यादातर प्रयोग करते हैं।

दवाओं को देखते हुए सीनियर ड्रग्स कंट्रोलर व उनकी टीम

डिफेंस कॉलोनी स्थित सेक्टर-सी में स्टेरॉयड, एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन और गोलियां बनाने की अवैध फैक्टरी का भंडाफोड़ हुआ है। ड्रग्स कंट्रोलर और पुलिस की टीम ने शनिवार संयुक्त रूप से फैक्ट्री पर छापामारी की। मौके पर टीम पहुंची तो दवाओं से संचालक की कार भरी हुई थी और वह भागने की फिराक में था। इस दौरान पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया, जिसकी पहचान डिफेंस कॉलोनी के सेक्टर-सी निवासी अवनीत भाटिया के रूप में हुई।

छापामारी टीम की जांच में सामने आया है कि ज्यादातर स्टेरॉयड, हार्मोन वाली दवाएं बॉडी बिल्डिंग में इस्तेमाल की जाती थीं। इसके अलावा काफी मात्रा में एंटीबॉयोटिक दवाएं भी बरामद हुई हैं। वहीं मशीनों के अलावा भारी मात्रा में रॉ-मैटरियल भी मिला। मौके पर ड्रग विभाग की टीम ने फैक्ट्री से कई सैंपल भरे हैं। सीनियर ड्रग कंट्रोलर सुनील दहिया और असिस्टेंट स्टेट ड्रग कंट्रोलर परजिंद्र ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि नियमों की अनदेखी कर बिना अनुमति के स्टेराॅयड तैयार किए जा रहे हैं। मौके पर लाखों की संख्या में दवाएं मिली हैं। मौके पर पकड़े गए जिम संचालक के पास कोई भी दस्तावेज नहीं है ।

अवैध सप्लीमेंट

आरोपित अवनीत भाटिया इस अवैध फैक्ट्री को चला रहा था वह खुद भी जिम कर चुका है और जिम संचालक भी रहा है। उसने मिस्टर इंडिया का खिताब भी अपने शारीरिक सौष्ठव के बल पर जीता था। ऐसे में आरोपित के लिंक बहुत से जिम संचालकों से थे। इसी का फायदा उठाकर उसने विभिन्न प्रकार के स्टेरायड खुद ही फैक्ट्री में ही तैयार करने शुरू कर दिए। बताया जा रहा है कि पिछले करीब एक साल से डिफेंस कालोनी में नकली दवाओं की अवैध फैक्ट्री चल रही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां से विदेश के अलावा कई राज्यों में यह नकली माल सप्लाई होता था।

आरोपित अवनीत भाटिया को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड के दौरान ही यह खुलासा हो सकेगा कि आरोपित कब से यह धंधा चला रहा था और कहां-कहां माल सप्लाई करता था। बता दें कि फैक्ट्री में इतनी भारी मात्रा में नकली दवाएं और इंजेक्शन थे कि उसे गिनने तक में स्वास्थ्य विभाग की टीम के पसीने छूट गए। करीब 10 घंटे चली कार्रवाई के बाद दवाओं की मात्रा और उनके प्रकार का पता चल सका। बरामद किए गए नकली दवाओं के जखीरे की कीमत 50 लाख रुपये से ज्यादा की आंकी जा रही है। आरोपित खुद ही फैक्ट्री में दवाओं के लेबल से लेकर ड्राई तक यहीं पर तैयार करते थे।

फैक्ट्री में कुछ ऐसे स्टेरायड भी बरामद किए गए हैं जिनका प्रयोग आमतौर पर मानव के लिए नहीं किया जाता। इन स्टेरायड का प्रयोग पशुओं के मसल्स को बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि उनका वजन बढ़ जाए। आमतौर पर ऐसे पशु जिन्हें बूचड़ खाने में लेकर जाना होता है उनको ही यह स्टेरायड दिए जाते हैं लेकिन आजकल जिम संचालक युवाओं को शरीर के उभार और कट इत्यादि दिखाने के लिए इन स्टेरायड का प्रयोग करने लगे हैं। ब्रांडेड कंपनी के स्टेरायड महंगे होने के कारण नकली स्टेरायड बनाने वाले अवैध धंधा कर युवाओं की जान से खिलवाड़ करते हैं।

बता दें कि इस फैक्ट्री में कोई भी तकनीकी कर्मी नहीं रखा गया था। बिना तकनीकी कर्मी के ही यहां दवाएं बनाई जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके से वह डायरी भी बरामद की है जिसमें नकली दवा बनाने के फार्मूले लिखे हुए थे। लिहाजा पुलिस ने आरोपित अवनीत के खिलाफ कापी राइट एक्ट सहित करीब 10 विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।

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