रोहतक। रोहतक में हरियाणा के राज्यसभा सांसद एवं कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा लोकसभा 2019 चुनाव में हुई हार का बदला लेने लिए एक बार फिर मैदान में उतरने वाले हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है। वे लोगों के बीच जाकर 2019 लोकसभा चुनाव की हार को याद दिलाते हुए 2024 चुनाव में जीत की राह तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कल महम में हुई कांग्रेस की रैली में इसके संकेत दे दिए हैं कि वे रोहतक से सेफ सियासी गेम खेलने की तैयारी में हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे। लेकिन फिलहाल वे राज्यसभा भी नहीं छोड़ेंगे। यानी चुनाव जीते या न जीते, वे संसद में बने रहेंगे।
बता दें कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक के महम में आयोजित कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। जब उनसे रोहतक लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार का नाम पूछा तो उन्होंने खुद के नाम पर कहा कि इसमें भी कोई शक है क्या। हालांकि बाद में अपनी बात को टालते हुए सामने से सवाल किया कि आप किसे चाहते हैं। जब सामने से लोगों ने भी दीपेंद्र हुड्डा का नाम लिया तो उन्होंने कहा की बस ठीक है तो।
प्रदेश में बदलाव का माहौल
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा उन्हें ही निशाने पर लेगी, इसलिए पूरी तरह से एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा। रोहतक लोकसभा प्रत्याशी का चुनाव परिणाम ही हरियाणा की राजनीति की दिशा व दशा तय करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा ने करवट ले ली है, प्रदेश में बदलाव का माहौल है। हम पूरी ताकत से लड़ेंगे और पूरे हरियाणा में जीतेंगे। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश की जनता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में और चौ. उदयभान की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाना चाहती है। जजपा को लेकर सांसद ने कहा कि इस बार नब्बे में से एक सीट पर भी जजपा की जमानत नहीं बचेगी।
सांसद अरविंद बताएं पांच साल में क्या किया
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद क्षेत्र पूरी तरह से विकास कार्यो में पिछड़ गया और सांसद अरविंद शर्मा को जवाब देना चाहिए कि इन पांच साल के दौरान उन्होंने लोकसभा क्षेत्र के लिए क्या किया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चाहे वे सत्ता में रहे हों या विपक्ष में, उन्होंने इलाके के विकास के लिए दर्जनों बड़ी परियोजनाएं मंजूर कराई और उन्हें पूरा कराया।
भ्रष्टाचार, नाकामियों से परेशान जनता
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जो राज्य 2014 के पहले विकास में नंबर एक पर था, वो आज बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, नशे, अत्याचार में नंबर एक पर पहुंच गया। 2019 चुनाव के समय भी लोग भाजपा सरकार से खुश नहीं थे और इनके भ्रष्टाचार, नाकामियों से परेशान हो चुके थे। इसलिये सरकार और पार्टी दोनों को हराकर वापस भेज दिया। हरियाणा की जनता ने 14 में से 12 मंत्रियों को हरा दिया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को बड़े अंतर से चुनाव हराया।
2020 में बने राज्यसभा सदस्य
दीपेंद्र सिंह हुड्डा 2019 का चुनाव हारने के बाद राज्यसभा सदस्य बने थे। 10 अप्रैल 2020 को उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया था। बता दें कि राज्यसभा सदस्य 6 साल के लिए बनते हैं। दीपेंद्र सिंह हुड्डा का कार्यकाल भी 2026 तक के लिए है। हालांकि लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा हार भी जाते हैं तो वे राज्यसभा सदस्य बने रहेंगे। अगर जीतते हैं तो वे लोकसभा सांसद बन जाएंगे। इसलिए वे सेफ सियासी गेम खेलने के मूड में हैं।
2019 में 7503 वोट से हुई थी हार
दीपेंद्र सिंह हुड्डा तीन बार (2005, 2009 व 2014 में) लोकसभा सांसद रहे हैं। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली। 2019 चुनाव में भाजपा से डॉ. अरविंद शर्मा को कुल 5 लाख 73 हजार 845 वोट मिले थे। वहीं दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 5 लाख 66 हजार 342 वोट मिले थे। जिसके चलते उन्हें 7 हजार 503 वोट से हार का सामना करना पड़ा। अब फिर से दीपेंद्र हुड्डा अपनी हार का बदला लेने का प्रयास करेंगे।