रोहतक। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी को जमकर घेरा और उन्हें लोकतंत्र की हत्या करने वाले तक बता दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग संविधान में विश्वास नहीं करते और लोकतंत्र को ताक पर रखते हैं। उन्होंने कहा जो प्रशासनिक अधिकारी भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं उन्हें ये समझना चाहिए कि कल को जब सरकार बदलेगी तो उसकी भी जवाबदेही होगी। उन्होंने चुनाव आयोग को भी मौजूदा सरकार की कठपुतली बता दिया।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने किसी भी क्षेत्र में विकास नहीं किया बल्कि विकसित क्षेत्र को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी हरियाणा की सरकार बनाने का चुनाव है। पिछली बार भी था, यहां से थोड़े से वोटों से हम यहां रह गए थे और हरियाणा में भी थोड़ी ही सीटों से रह गए थे। 75 पार का नारा देने वाली बीजेपी की 40 पर सुई आकर रुक गई। भाजपा ने हरियाणा को पटरी से उतारने का काम किया और जो भी वर्ग अपनी मांग लेकर गया उस पर लाठी चार्ज किया।
आज भी 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार का दर्द है। दीपेंद्र रोहतक जिले में स्थित अपने पैतृक गांव सांघी पहुंचे तो यही दर्द एक बार फिर छलक आया। BJP पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- मोदी सरकार ने मुझे हराने के लिए पिछले लोकसभा चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद का इस्तेमाल किया। दीपेंद्र ने कहा- लोकतंत्र की हत्या कैसे की जाती है, ये मैंने 2019 के चुनाव में ही देख लिया था। कुछ महीने पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में इसे पूरे देश ने देखा। इस बार भाजपा वाले चाहे जैसा चक्रव्यूह रच लें, जनता उनका चक्रव्यूह तोड़ने का काम करेगी।
दीपेंद्र अपने पैतृक गांव सांघी के दौरे पर रहे। उन्होंने कहा कि सभी को अपना गांव प्यारा होता है, मुझे भी अपना गांव प्यारा है। साथ ही कहा कि वह अपने गांव में इससे अधिक नहीं बोल पाएंगे क्योंकि ज्यादा बोलेंगे तो भावुक हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार रोहतक लोकसभा सीट पर सबकी नजर है और यह सीट सबके निशाने पर भी है। पिछली बार तो भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद एक प्रोग्राम में कह दिया था कि हमारे लिए हरियाणा की 9 लोकसभा सीटों का फैसला एक तरफ और रोहतक सीट का फैसला एक तरफ है।
रोहतक को हॉट सीट कहने पर दीपेंद्र ने कहा कि उनका और गर्मी का दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। वह खुद ठंडे व्यक्ति है और गांव भी सीला (ठंडा) है। रोहतक हॉट सीट इसलिए बनी हुई है क्योंकि लोकसभा चुनाव में यहां केवल एक सांसद बनाने का फैसला नहीं होगा। रोहतक संसदीय सीट का नतीजा हरियाणा में चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की नींव रखने का काम करेगा।