महम। मदीना गांव से गुजरने वाली भिवानी सब ब्रांच 83900 नंबर बुर्जी के पास से पिछले बुधवार को टूट गई। नहर टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। जहां से नहर की पटरी टूटी, उससे काफी दूर तक पानी फैल गया। जिसकी वजह से गेहूं की फसल नष्ट हो गई। गेहूं के अलावा सरसों भी नुकसान हुआ है। कई दिन तक पानी जमा रहने से गेहूं, सरसों, बरसीम व अन्य चारे की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
पशुओं के सामने चारे का संकट पैदा हो गया है। खेतों से पानी की निकासी में अब समय लग रहा है। ऐसे में न तो अब गेहूं की बिजाई हो सकेगी और ऊपर से खेतों में गेहूं, सरसों व अन्य चारे की फसलों की बिजाई पर खर्च पूरा किया जा चुका था। मदीना गांव के किसानों की मांग है कि जल्द ही जिला प्रशासन उनके खेतों की गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा प्रदान करे।
गेहूं की फसल बर्बाद हो जाने से सैकड़ों परिवारों के सामने खाने के लिए अनाज का संकट भी पैदा हो जाएगा। मदीना गांव के किसान संजय दांगी ने बताया कि फिलहाल मदीना गांव के खेतों में 100 एकड़ से अधिक रकबे में पानी जमा है। हालांकि विभाग द्वारा पानी उतारने का काम तो शुरू कर दिया गया है। लेकिन खेतों को सूखने में अब लंबा समय लगेगा, तब तक किसी भी फसल की बिजाई करना संभव नहीं होगा।
संजय दांगी ने बताया कि उसने और उसके खेत पास के अन्य कई किसानों ने दूसरी बार गेहूं की फसल की बिजाई की थी। क्योंकि जब पहली बार बिजाई की थी तो गेहूं के बीज अंकुरित नहीं हुए थे। जिस वजह से दूसरी बार गेहूं बोना पड़ा था। मदीना गांव के किसान नरेश कुमार, बलवान सिंह, संजय कुमार, जिले सिंह, सोमबीर सिंह और नरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके खेत में गेहूं की फसलें पानी में डूब चुकी हैं। वे फसलों की बिजाई पर पूरा खर्च कर चुके थे। यदि उन्हें समय पर मुआवजा मिल जाए तो कुछ राहत मिल सकती है।