Saturday, May 18, 2024
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देश में एक बार फिर मंडराया कोरोना का खतरा, एक दिन में इतने लोगों की हुई मौत, क्या आ गया बूस्टर डोज लेने का वक्त

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कोरोना का नया वैरिएंट जेएन.1 (Covid JN.1) एक बार फिर से दुनियाभर में कहर बरपा रहा है। दुनियाभर समेत भारत में भी तेजी से इसके मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है। गुरुवार को जेएन.1 वैरिएंट के कारण छह लोगों की मौत हो गई है। इनमें तीन मौत केरल में हुई, दो कर्नाटक और एक पंजाब में हुई।

देश में इस वक्त कोरोना के नए वैरिएंट जेनएन.1 के 594 नए मामलों की जानकारी मिली है। सात महीनों के बाद ये सबसे बड़ा आंकडा है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पूर्व चीफ साइंटिस्ट डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि लोगों को अभी घबराने की जरूरत नहीं है।  एएनआई को दिए इंटरव्यू में स्वामीनाथन ने बताया कि नए वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ बताया है न कि ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न।

हर जुकाम-बुखार में टेस्ट जरुरी नहीं

स्वामीनाथन ने कहा कि मुझे लगता है कि अभी हमें सामान्य उपाय करने होंगे, जिन्हें हम करते हुए आ रहे हैं। हम ओमिक्रॉन के बारे में जानते हैं और ये सब-वेरिएंट भी उसी का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है कि हर उस व्यक्ति का टेस्ट किया जाए, जिसको जुकाम-बुखार है। सिर्फ उन लोगों का टेस्ट करना जरूरी है जो गंभीर सांस की बीमारी या निमोनिया के कारण अस्पताल में भर्ती हैं।’

इन सावधानियों को जरुर बरतें

बता दें कि सरकार ने अभी तक इस वैरिएंट को लेकर कोई ट्रैवल अलर्ट जारी नहीं किया है। हालांकि हमें सावधान रहने की बहुत जरुरत है। बंद और भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर मास्क लगाना ना भूलें।

बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को जितना हो सके, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। अगर उन्हें जाना ही पड़े, तो मास्क जरूर पहनें।

जिन लोगों को सांस की बीमारी, जुकाम या खांसी है, उन्हें भी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए।

भारत में अब तक जेएन.1 सब-वेरिएंट के 26 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। 26 मामलों में 19 केस गोवा में, 4 राजस्थान में और केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र में एक-एक केस रिपोर्ट हुआ है।

क्या बूस्टर डोज जरुरी

अपोलो हॉस्पिटल्स में संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ. एस. रामासुब्रमण्यन ने जानकारी दी कि बुजुर्गों, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और जिनको कोई गंभीर बीमारी है, उन्हें बूस्टर डोज लगवाना जरूरी है।’

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