Sunday, May 19, 2024
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रोहतक के महिला राजकीय महाविद्यालय में हुआ दीक्षांत समरोह, कुर्सी पर डिग्री लेने पहुंची छात्रा

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रोहतक। रोहतक के राजकीय महिला महाविद्यालय में सोमवार को दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। वैसे तो समारोह में करीब 1600 छात्राओं को डिग्री दी गई लेकिन एक स्टूडेंट ऐसी थी जिसने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। जी हां कहते हैं कि अगर हौंसलों में उड़ान हो तो कोई बाधा रोक नहीं सकती। यह साबित किया इन छात्राओं में शामिल रोहतक के सुखपुरा चौकी निवासी अनुराधा ने। अनुराधा ने बी-कॉम पास करके डिग्री हासिल की। लेकिन वह कुर्सी पर एक गठरी की तरह डिग्री लेने पहुंची। क्योंकि वह दिव्यांग है और चल-फिर नहीं सकती। जब अनुराधा के हौंसले का पता सबको लगा तो सभी उसकी तारीफ किये बिना नहीं रह सके।

दीक्षांत समारोह में कुर्सी पर डिग्री लेने पहुंची अनुराधा

अनुराधा ने बताया कि वह जब करीब 11 माह की थी, तक उसे बुखार हुआ था। इस दौरान उन्हें इंजेक्शन लगाया गया, जिसका रिएक्शन यह हुआ कि वह अब चल-फिर नहीं सकती। हालांकि उसके दो भाई भी है। लेकिन उसके माता-पिता ने दोनों भाइयों से ज्यादा प्यार उससे किया है। जिनकी बदौलत वे आज अपनी पढ़ाई पूरी कर पाई। डिग्री पूरी होने के बाद अब वह बैंकिंग सेक्टर में जॉब करना चाहती हैं। इसी उद्देश्य से उन्होंने बी-कॉम की पढ़ाई पूरी की। वहीं माता-पिता के साथ कॉलेज स्टाफ ने भी उसका पूरा सहयोग किया और पढ़ने की विशेष व्यवस्था भी की।

अनुराधा ने उन सभी लोगों को प्रेरणा देते हुए कहा कि यह ना समझें कि तुम कमजोर हो, कुछ भी कर सकते हो। उनकी स्थिति को देख लें, लेकिन अधिकतर लोग उनसे बेहतर हैं। किसी के पास सब-कुछ होकर भी कुछ नहीं होता और किसी के पास कुछ नहीं होकर भी बहुत कुछ होता है। उनके अंदर जो कमी है, वह तो पूरी नहीं हो सकती। लेकिन इस बात का दुख नहीं हैं।

राजकीय महिला महाविद्यालय रोहतक में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्यातिथि के रूप मे डॉ. वीना कुमारी प्राचार्या राजकीय महाविद्यालय अलेवा (जींद) एवं जिला उच्चतर शिक्षा अधिकारी जींद पहुंची। डॉ. वीना ने कहा कि जो छात्राएं हैं, वे डिग्री हासिल करने तक ही सीमित ना रहें। वे अपने लक्ष्य को बढ़ा बनाएं। कंपीटिशन में भाग लें और उसमें मेहनत करके फोकस करें। किसी भी लक्ष्य को हासिल करना है तो अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर अपनी मेहनत से उसे हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आजकल घर टूट रहे हैं और संस्कार खो रहे हैं। छात्राएं संस्कारों को खोने ना दें। एक लड़की ही है, जो घरों को जोड़कर रख सकती है और समाज को जोड़कर रख सकती है।

डॉ. वीना कुमारी ने बताया कि वे राजकीय महिला महाविद्यालय रोहतक की नॉन मेडिकल संकाय की छात्रा रही हैं। वहीं शिक्षक के रूप में भी इसी महाविद्यालय में कार्य किया। कॉलेज प्राचार्या डॉ. दर्शना ने कहा कि दीक्षांत समारोह में लगभग 1600 छात्राओं को स्नातक एवं स्नातकोत्तर की उपाधि से अलंकृत किया गया। जिसमें कला, विज्ञान, वाणिज्य आदि संकायों की छात्राएं शामिल रही।

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