दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसे ‘न्याय पत्र’ नाम दिया गया। घोषणा पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी, घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष पी चिदंबरम ने जारी किया है। इसमें पांच न्याय और 25 गारंटी का वादा किया गया है।
घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि उसका घोषणा पत्र पांच न्याय (हिस्सेदारी न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और युवा न्याय) पर आधारित है। कांग्रेस ने युवा न्याय के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है।
आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव, 2024 के लिए ‘न्याय पत्र’ जारी किया जा रहा है।
हमारा ये न्याय पत्र देश की राजनीति के इतिहास में न्याय के दस्तावेज के रुप में याद किया जाएगा।
राहुल जी ने नेतृत्व में चली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में 5 पिलर पर केंद्रित है इन पिलर… pic.twitter.com/Yjk3wEawzc
— Congress (@INCIndia) April 5, 2024
कांग्रेस के घोषणा पत्र की बड़ी बातें :
- कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि सरकार आने के बाद हमारी पार्टी जातिगत जनगणना करवाएगी
- एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करेगी
- ईडब्ल्यूएस के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत का आरक्षण बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों और समुदायों के लागू किया जाएगा
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है
- साल 2025 से केंद्र सरकार की नौकरियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का भी वादा किया।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में नियमित नौकरियों की संविदा व्यवस्था को समाप्त किया जाएगा
- सामाजिक सुरक्षा के तहत सभी सीनियर सिटिजन विधवाओं और दिव्यांगों को हमारी सरकार आने पर 1000 रुपये की पेंशन दी जाएगी
- घोषणा-पत्र में 30 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा भी किया गया है
- मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा
- पिछले 10 वर्षों में हुए भ्रष्टाचार” के मामलों की जांच कराने का वादा
- अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के साथ विचार विमर्श कर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करने का वादा
- सरकार में आने के बाद वह नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श करेगी और इसमें संशोधन करें करेगी।