Tuesday, December 3, 2024
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सीएम मान ने जेपी नड्डा से की मुलाकात, डीएपी खाद की आपूर्ति पर चर्चा

पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा से राज्य को 15 नवंबर तक डीएपी खाद की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर केंद्रीय मंत्री नड्ढा से बातचीत करते हुए कहा कि देश के अनाज भंडार में गेहूं की आपूर्ति में पंजाब का योगदान लगभग 50 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि डी.ए.पी गेहूं खेती के लिए आवश्यक बुनियादी सामग्री है और इस वर्ष गेहूं की बुआई के लिए राज्य में 4.80 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब तक राज्य को 3.30 लाख मीट्रिक टन डीएपी खाद मिली है जो पंजाब के लिए बहुत कम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समझते हैं कि 70 प्रतिशत डीएपी दूसरे देशों से आयात किया जाता है, इसलिए यूक्रेन युद्ध और अन्य अंतरराष्ट्रीय कारणों से डीएपी की कमी है। उन्होंने कहा कि हालांकि, राज्य में डीएपी की आवश्यकता मुख्य रूप से 15 नवंबर तक है, इसलिए केंद्र सरकार को अन्य राज्यों की तुलना में पंजाब को डीएपी के आवंटन में प्राथमिकता देनी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे राज्य में गेहूं की बुआई का मौसम सुचारू रूप से चल सकेगा और यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के व्यापक हित में होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की गई पर्याप्त व्यवस्था के कारण राज्य में धान खरीदी सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि भले ही एफ.सी.आई पहले खरीदी गई फसल का परिवहन नहीं होने से कुछ बाधाएं पैदा हो रही हैं, लेकिन वे लगातार इस मुद्दे को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के सामने उठा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज प्रदेश भर की मंडियों में चार लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।

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केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा किये जा रहे बेबुनियाद बयानों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अमीर घरानों को राज्य की जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मंडियों में बिताई है और वह मंडियों में किसानों-मजदूरों को आने वाली परेशानियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, अमीर, सुविधा संपन्न और संपन्न बिट्टू को कृषि के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को बेबुनियाद बातों के अलावा कुछ नहीं आता।

मुख्यमंत्री ने किसान संघ को यह भी चेतावनी दी कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है और बिना किसी कारण के लगभग हर दिन सड़क को अवरुद्ध करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही मिलर्स की समस्याओं का समाधान कर दिया है और मिलर्स के मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया जा रहा है, जिसके कारण खरीद प्रक्रिया में तेजी आई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सीजन के दौरान लोगों को असुविधा पहुंचाने वाला आंदोलन उचित नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार जून 2025 तक मिल मालिकों की उपज का भुगतान नहीं करती है तो राज्य सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी।

मुख्यमंत्री ने अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता 10 साल पहले 25 साल तक राज करने का सपना देखते थे, वे अब राज्य में आम चुनाव लड़ने से भाग रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जत्थेदार साहब ने कभी भी अकालियों को चुनाव लड़ने से नहीं रोका, लेकिन हार के डर से उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि चापलूस लोग सुखबीर अकाली को जनरल (कमांडर) बता रहे हैं जबकि उनके नेतृत्व ने 125 साल पुरानी पार्टी की रीढ़ तोड़कर पार्टी को बर्बाद कर दिया है।

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