चंडीगढ़ के मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में हुए चंडीगढ़ मेयर के चुनाव के नतीजों को पलट दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मसीह को फटकार लगाई और आदेश दिया कि वोटों की गिनती के दौरान घोर कदाचार के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाए।
मसीह ने कहा कि वह अपना पिछला हलफनामा वापस ले लेंगे जिसमें उन्होंने कहा था कि वह तनाव और चिंता से पीड़ित हैं और मतपत्र से छेड़छाड़ के आरोपों से इनकार किया है। कोर्ट ने मामले को आगे विचार के लिए जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है।
हलफनामे में उन्होंने कहा था, 31 जनवरी को चुनाव प्रक्रिया की कथित वीडियो रिकॉर्डिंग ऑनलाइन लीक हो गई थी। इसके बाद मसीह को राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लगातार आलोचना और टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।
इसने प्रतिवादियों और उनके परिवार के सदस्यों को बहुत अधिक मानसिक तनाव में डाल दिया। उन्होंने कहा कि अदालत में उनकी उपस्थिति से पहले की अवधि के दौरान मीडिया कवरेज और रिपोर्टिंग के कारण उनकी गोपनीयता और मानसिक स्वास्थ्य का ‘उल्लंघन’ हुआ था।
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फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के हारे हुए उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का नया मेयर घोषित किया था। 30 जनवरी को, अदालत ने चुनाव परिणामों को अमान्य घोषित कर दिया और कहा कि मसीह ने आठ मतपत्रों को अवैध घोषित करने के लिए चिह्नित किया था।
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी मसीह की ओर से मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने बताया कि उनके मुवक्किल ने बिना शर्त माफी मांग ली है। रोहतगी ने कहा, मैंने उन्हें पहला हलफनामा वापस लेने की सलाह दी है। कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने माफी का विरोध किया। पीठ ने सुनवाई 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।