गरिमा टाइम्स न्यूज .रोहतक : रेलवे स्टेशन की तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे खराब होने के कारण न ही घटना के बारे में पता लगाया जा सकता और न हीं आरोपी की पहचान हो सकती है। ऐसे में स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरा होना बहुत जरूरी है। ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी घटना को अंजाम दे तो वह उसमें कैद हो सके और घटना को अंजाम देने वाला कैमरे में कैद हो सकें। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा किया जा सकता है।
दिल्ली-बठिंडा रेलवे सेक्शन के प्रमुख स्टेशनों में शामिल ए ग्रेड स्टेशन रोहतक जंक्शन पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे प्रशासन कतई गंभीर नहीं है। रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में वाहन चोरी व यात्रियों के बैग चोरी की घटनाएं भी हो रही हैं। लेकिन स्टेशन परिसर पर सीसीटीवी कैमरे न होने से यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। यहां से रोजाना 40 हजार से ज्यादा यात्रियों का आवागमन होता है। लेकिन उसके बाद भी यहां सीसीटीवी की कोई व्यवस्था नहीं है।
दिल्ली मंडल के आरपीएफ अफसर बताते हैं कि वर्ष 2016 में प्लानिंग बनी थी कि निर्भया फंड से रोहतक रेलवे स्टेशन पर 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए तत्कालीन आरपीएफ इंस्पेक्टर एसपी सिंह से प्वाइंट चिह्नित कर प्रस्ताव में उन स्थानों का नाम लिखकर भेजने को कहा गया। रिपोर्ट में सर्कुलेटिंग एरिया, प्लेटफार्म नंबर एक और दो के जींद व दिल्ली छोर, फुटओवर ब्रिज, वैश्य संस्था की तरफ मालगोदाम सहित अन्य स्थानों पर कैमरे लगाने की बात सामने आई थी। बताया जाता है कि आरपीएफ के मुख्यालय तक पहुंचने के बाद रिपोर्ट फाइलों में सिमट कर रह गई।
कुछ कैमरे यहां पर खराब है। स्टेशन पर रेलवे के नए भवन का निर्माण भी चल रहा है। नया भवन तैयार होने पर यहां हाईटेक कैमरे भी लगाए जाएंगे। – बलराम मीणा, अधीक्षक, रेलवे स्टेशन