Monday, May 13, 2024
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रोहतक की ड्रेन में केमिकल डालने का मामला, फैक्टरी का प्रबंधक गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल

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केमिकल की वजह से गांव के 600 पशुओं की चमड़ी बुरी तरह से गल कर शरीर से उतरने लगी है। अभी तक कटड़ों व पशुओं समेत 15 की मौत हो चुकी है।

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रोहतक। रोहतक के बखेता गांव की ड्रेन में केमिकल डालने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। सनमाइका फैक्टरी के प्रबंधक को अदालत के निर्देश पर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इसी ने फैक्टरी से निकला तीन टैंकर वेस्ट ठिकाने लगाने के लिए चालक को दिया था। आपको बता दें बखेता ड्रेन में केमिकल डालने के आरोपी को गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया था उसे भी कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया था। उसके बाद पुलिस ने फैक्टरी मालिक को थाने में बुलाने के लिए नोटिस भिजवा दिया था। पुलिस ने आरोपी से ट्रैक्टर ओर सेफ्टी टैंकर को काबू कर लिया था।

बता दें पुलिस बखेता के पशुओं व लोगाें की तबीयत बिगड़ने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई कर रही है। बुधवार को मूलरूप से गुजरात के गांधी नगर के गांव छत्राल, हाल सोनीपत के शास्त्री नगर निवासी राजेश पांडे को पुलिस ने बुधवार को सोनीपत से गिरफ्तार किया। वह फैक्टरी में प्रबंधक के तौर पर कार्यरत है। कंसाला चौकी प्रभारी सोमबीर ने बताया कि बखेता ड्रेन के केमिकल मामले में दूसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसने पूछताछ में बताया कि टैंकर चालक को तीन सेफ्टी टैंकर वेस्ट दिया था। फैक्ट्री का यह वेस्ट ठिकाने लगाते हुए इसने दो टैंकर खुले में और एक ड्रेन में डाला। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

ड्रेन में केमिकल डालने का आरोपी

कंसाला चौकी प्रभारी सोमवीर दहिया ने कहा कि आसपास के सभी सेफ्टी टैंकर संचालकों को नोटिस देकर बुलाया गया था। जिनमें से सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे गए थे। जांच के दौरान जसराणा गांव के रहने वाले कुलदीप को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह सोनीपत जिले के बागडू गांव में बनी प्लाईवुड फैक्टरी से निकलने वाला केमिकल सेफ्टी टैंकर में भरकर लाया था और जसराणा व फरमाणा के बीच बने पुल से ड्रेन नंबर 8बी में इसे डाल दिया था।

ड्रेन में रोजाना गांव से पशु नहाने व पानी पीने के लिए आते हैं। केमिकल की वजह से गांव के 600 पशुओं की चमड़ी बुरी तरह से गल कर शरीर से उतरने लगी है। अभी तक कटड़ों व पशुओं समेत 15 की मौत हो चुकी है। पशुओं को नहलाने के लिए गए कुछ ग्रामीण भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इससे उनकी त्वचा भी लाल पड़ने लगी है। लुवास की टीम उपचार के लिए लगी हुई है।

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