Monday, November 25, 2024
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पीजीआई रोहतक की नर्सिंग ऑफिसर से दहेज़ प्रताड़ना का मामला, बीमार नवजात सहित घर से निकाला

बच्चा हुआ तो उसे डॉक्टरों ने बीमारी बता दी। जिसका इलाज तक करवाने से ससुराल वालों ने इनकार कर दिया। अब, आरोपियों ने महिला को घर से निकाल दिया। जिसकी शिकायत महिला ने पानीपत पुलिस को दी है।

रोहतक। पीजीआई रोहतक की नर्सिंग ऑफिसर से दहेज़ प्रताड़ना का मामला सामने आया है। पीड़िता पानीपत की रहने वाली है और और उसकी शादी सोनीपत में हुई है। लेकिन पीजीआई रोहतक में कार्यरत होने की वजह से वह रोहतक की एक कलोनी में रहती है। महिला को सोनीपत स्थित उसकी ससुराल वालों ने दहेज के लिए प्रताड़ित किया। ससुरालियों ने कार, रुपए, आभूषणों की मांग के चलते शादी के 4 साल बाद तक भी उसे परेशान रखा।

बच्चा हुआ तो उसे डॉक्टरों ने बीमारी बता दी। जिसका इलाज तक करवाने से ससुराल वालों ने इनकार कर दिया। अब, आरोपियों ने महिला को घर से निकाल दिया। जिसकी शिकायत महिला ने पानीपत पुलिस को दी है। इस बारे में महिला थाना प्रभारी एसआई आशा का कहना है कि फिलहाल शिकायत के आधार पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कर लिया है।

पति की कार, ससुर की ब्रेसलेट की थी मांग

महिला थाना पुलिस को दी शिकायत में एक महिला ने बताया कि शहर की एक कॉलोनी की रहने वाली है। उसकी शादी नवंबर 2019 में अभिषेक कुमार अंतिल निवासी गोकुलधाम सोसायटी एक्सटेंशन, चावला कॉलोनी, सोनीपत के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसके पति, ससुर कृष्ण कुमार और सास अनीता ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया। उन्होंने कार की मांग की। हर बार कहा कि उनके लड़के लिए कार वाले रिश्ते आते थे। ससुर हमेशा कहता है कि उसे और उसके बेटे को सोनू की अंगूठी दी है, जबकि उन्हें सोने का ब्रेसलेट चाहिए। महिला का कहना है कि उसे खाने को बहुत कम दिया जाता था। जिससे उसका स्वास्थ्य खराब हो गया और गर्भ में पल रहा बच्चा स्वास्थ्य कारणों से जन्म नहीं ले सका।

पीजीआई में नौकरी लगी, सैलरी खुद रखते थे ससुराल वाले

पीड़िता ने बताया कि शादी के समय वह एमएससी नर्सिंग की छात्रा थी। उसका अकादमी सेक्शन 2018 से 2020 था, उपरोक्त कोर्स पूरा करने के लिए होस्टल में रहना था। दिसम्बर 2020 में वह ससुरालियों के साथ देहरादून में रही। 1 मार्च 2021 को उसकी नौकरी रोहतक पीजीआई में लग गई। अब वह यहां मेडिकल मोड़ स्थित संजय कॉलोनी में किराए पर रहने लगी। जब वह कमरे से कार्यालय जाने के लिए किराया मांगती थी, तो आरोपी ससुराल वाले उसे रोज के हिसाब से कुल 30 रुपए ही देते थे। और रुपए मांगने पर मायका से लेकर आने की बात कही।

नौकरी लगने के बाद 3 माह तक सैलरी उसके अकाउंट में नहीं आई। आरोपियों ने उसे तब भी बुरा-भला कहा। पति ने ज्वाइंट अकाउंट खुलवा कर उसका डेबिट कार्ड समेत अन्य दस्तावेज रख लिए। सैलरी आई, महिला ने 10 हजार रुपए खर्च के लिए रखकर बाकी उन्हें दे दिए। लेकिन ससुरालियों ने इस बात पर भी उससे झगड़ा किया कि उसने 10 हजार रुपए क्यों रखे।

बच्चे को गंभीर बीमारी हुई, तो इलाज से किया मना

महिला ने बताया कि जब वह नौवें माह की गर्भवती थी, तो उसे पीलिया हो गया। जिसके बाद आरोपी ससुराल वाले उसे मायका छोड़ गए। यहां उसने एक लड़के को जन्म दिया। ससुराल वाले बच्चे से मिलने आए। उन्होंने उसके गले में सोने की चेन डाल कर फोटो खींची और फिर उतार कर रख ली। इसके बाद ससुराल वाले चले गए। आरोपी बिना सूचना दिए रोहतक से सोनीपत शिफ्ट हो गए। तीन माह बाद बच्चे के गले में टीबी की गांठ होने की बात डॉक्टरों ने महिला को बताई। लेकिन ससुरालियों ने उसका इलाज तक करवाने से मना कर दिया।

पंचायत होने पर माफी मांगी, घर ले जाकर फिर वही रवैया

महिला ने बताया कि आरोपियों की प्रताड़ना से दुखी होकर उसने परिजनों को इस बारे में बताया। फिर पंचायत हुई, जिसमें ससुरालियों ने माफी मांग कर दोबारा ऐसा न करने की बात कही। घर ले जाने के बाद फिर से महिला के साथ उसी तरह का व्यवहार किया जाता था। अब ससुराल वालों ने उससे नाता ही तोड़ दिया है। इन्हीं सब बातों से परेशान होकर महिला ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

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