हाईकोर्ट, पंजाब में लाडोवाल टोल समेत 4 टोल प्लाजा बंद करने का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया कि किसानों ने 4 टोल प्लाजा बंद कर दिए हैं। इससे हर दिन 113 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
लाडोवाल समेत चार टोल गेट बंद करने के खिलाफ एनएचएआई की याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। पंजाब के एडवोकेट जनरल को भी पेश होने का आदेश दिया गया है।
एनएचएआई की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि टोल प्लाजा पर बार-बार कब्जा किया जा रहा है और उन्हें बंद किया जा रहा है और राज्य सरकार के मंत्री भी विरोध में शामिल होकर इस गैरकानूनी कदम का समर्थन कर रहे हैं। याचिका के मुताबिक इस तरह से टोल बंद करने से न सिर्फ कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
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कोर्ट को बताया गया कि एन.एच.ए.आई इन टोल पर पहले से ही ट्रैक्टर ट्रॉली टोल फ्री हैं, फिर भी इसे मुद्दा बनाकर बंद किया गया है, जिसमें अमृतसर का उस्मा, जालंधर का चक बहमनी और अंबाला का घग्गर टोल शामिल है। कोर्ट को बताया गया कि इसकी वजह से उन्हें हर दिन 113 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
याचिका में किसानों की हड़ताल के कारण वित्तीय नुकसान का दावा करते हुए लाडोवाल टोल प्लाजा और पंजाब क्षेत्र के बाकी हिस्सों में सुरक्षा सुनिश्चित करने और नुकसान की भरपाई करने के निर्देश देने की मांग की गई है। किसानों के विरोध के कारण टोल प्लाजा पर टोल संचालन और संग्रहण बाधित हो गया और अपेक्षा के अनुरूप टोल संग्रहण नहीं हो सका।
टोल संग्रह न करने से राजमार्ग का रखरखाव बाधित हो गया है और याचिकाकर्ता कंपनी पर प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव पड़ रहा है। हाई कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि टोल शुल्क की वसूली सुनिश्चित की जाए और लाडोवाल टोल प्लाजा पर कानून व्यवस्था बनाए रखी जाए और याचिकाकर्ता कंपनी के कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए।