रोहतक। नगर निगम रोहतक घूसखोरी का अड्डा बन गया है। निगम में हर रोज सैंकड़ों की संख्या में पहुँचने वाली जनता का कहना है कि निगम में कोई काम बिना रिश्वत के नहीं होता। हर काम के लिए एजेंट तैयार हैं जो रिश्वत लेकर काम करवा देते हैं लेकिन बिना रिश्वत के बार बार चक्कर काटने के लिए मजबूर कर देते हैं। कार्यालय में हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग नक्शा पास करवाने, परिवार पहचान पत्र, प्रापर्टी आईडी सहित संपत्ति की खरीद और बिक्री के लिए एनओसी के काम होते हैं।
यहां अपने काम करवाने आ रहे लोगों का कहना है कि अधिकारी स्वयं कभी रिश्वत की मांग नहीं करते, बल्कि इन कामों के लिए निगम में एजेंट सक्रिय है। जिन्हें पैसा देते ही हर काम तुरंत हो जाता है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया जहां प्रॉपटी के एनओसी के नाम पर 22000 रुपए की मांग की गई। 11000 रुपए में समझौता हुआ। इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम को की गई तो जाल बिछाकर ऑपरेटर को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया गया। आरोपी पर एफआईआर होने के साथ ही आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एंटी करप्शन टीम के डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि भारत कॉलोनी के जगबीर अपने प्लॉट के लिए नगर निगम में एनओसी लेने गए थे। यहां पर जिला जींद के गांव घासी खुर्द का रहने वाला जोगिंदर एंट्री ऑपरेटर के पद पर तैनात है। वह उप नगर आयुक्त के कार्यालय में ड्यूटी करता है। उन्होंने एनओसी देने के एवज में जगबीर से 22000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। जगबीर ने एंट्री ऑपरेटर द्वारा रिश्वत मांगे जाने की जानकारी एंटी करप्शन विभाग को दी। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया।
मंगलवार शाम को जगबीर एनओसी लेने के लिए पैसे लेकर नगर निगम कार्यालय पहुंचा। यहां पर जोगिंदर एंट्री ऑपरेटर ने पैसे की मांग की। पीड़ित ने पैसे ज्यादा होने की बात कही तो सौदा 11000 रुपए में तय हो गया। पीड़ित ने उसे 11000 रुपए दिए। इसके साथ ही एंटी करप्शन के टीम के सदस्य अंदर आ गए। उन्होंने रुपए के साथ आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
नगर निगम रोहतक में इससे पहले जून-2023 में एंटी करप्शन की टीम ने नगर निगम के सहायक शहरी योजनाकार अधिकारी (एटीपी) जितेंद्र नहेरा और एजेंट आर्किटेक्ट त्रिलोक शर्मा को 10 लाख रुपए रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में पुलिस अभी जांच पूरी नहीं कर पाई थी कि एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आ गया। इसको लेकर नगर निगम में चर्चाएं हैं।